टीआई की पत्नी व जुड़वा बेटियों ने रचा इतिहास स्टेट शूटिंग में जीते 7 गोल्ड मैडल ।
सुनामी छत्तीसगढ़ । आजकल के जमाने में बेटा अगर किसी मामले में आगे है तो बेटिया भी बिलकुल कम नहीं है.बल्कि बेटिया आजकल खेलकूद, आयोजन,प्रतियोगिता, चैम्पियनशिप के अलावा पढ़ाई लिखाई में भी बहुत अच्छे है.जिसकी वजह से बेटिया घर का नाम रोशन कर रही है,वही घर का काम फिर ऑफिस का काम और उसके बाद बच्चो को भी देखने के बाद अगर माँ अपने बच्चे और पति का नाम रोशन करती है तो शायद इससे ज्यादा गर्व की बात नहीं हो सकती,और खासकर तब जब महिला शासकीय नौकरी में अधिकारी हो और खुद मेहनत करके बच्चो को भी उस मुकाम तक पहुंचाने का काम जारी है जहां तक उनकी इच्छा है,
दरसल हम बात कर रहे है सिविल लाइन थाना प्रभारी परिवेश तिवारी की पत्नी दीप्ती तिवारी और उनकी जुड़वा बेटी अन्वेषा तिवारी, अन्वया तिवारी की....जिन्होंने दिनांक 6.9.22 से 15.9.22 तक़ आयोजित इस आयोजन में भाग लिया था और मुकाम हासिल किया,जिसके बाद 16.9.22 की माना रायपुर में स्टेट शूटिंग रेंज में प्राइज डिस्ट्रीब्यूशन सेरेमनी में मैडल्स दिए गए. इतना ही नहीं एक ही फॅमिली में मेडल्स हासिल किये गए है,जो अपने आप में गर्व की बात है.
इस बार दीप्ति तिवारी जो पेशे से सहायक विस्तार अधिकारी जिला पंचायत बिलासपुर में पदस्थ है,उन्होंने 25 M पिस्टल WOMEN केटेगरी (GOLD) और अन्वेषा 10 M एयर राइफल(bronze) टीम सब युथ एयर राइफल(gold) युथ टीम एयर राइफल (gold) जूनियर राइफल 10 m(gold) और अन्वया 10 म pistol (bronze) 25 m pistol (bronze) में नाम दर्ज किया,यही नहीं नेपाल,पुणे, कोलकाता में भी पूर्व में प्रस्तुति देकर सम्मानित हो चुके है.जिसके माध्यम से नेशनल प्रतियोगिता में शामिल होकर नाम रोशन कर चुके है,
दोनों बच्चे बासन्ति वैष्ण्व की शिष्या भी है.दोनों बच्चे इंटेनेशनल कत्थक डांसर्स भी है.और इस समय दोनों बच्चे डीपीएस स्कूल में 8th में है,जिसे देखते हुए प्रिंसिपल जसपाल सिंह ने स्कूल में सम्मानित किया और नेशनल्स के लिए शुभकामनायें दी.कोच पवन दुबे के साथ anveshaa anvaya अभी आसनसोल west bengal के लिए निकाल गई है.
आसनसोल में 18 सितम्बर से 22 सितंबर तक़ नेशनल आयोजन है.आपको बताना चाहते है की टीआई परिवेश तिवारी की पत्नी दीप्ती ने शासकीय कार्यो में रहते हुए न सिर्फ खुद मेहनत की बल्कि अपने बच्चो को भी साथ रखकर शिक्षा दी ,और मां की मेहनत और काबिलियत देखकर बच्चो ने भी मन मे कुछ कर गुजरने की ठान ली थी,जैसे जैसे माँ ने मेडल हासिल किये और नाम रोशन किया,माँ को देख कर बच्चो ने माँ को अपना गुरु मानकर उनसे प्रेरणा ली और उसके बाद मेहनत के दम पर यहाँ तक पहुंचा .
वही टीआई परिवेश तिवारी ने भी पत्नि और अपने जुड़वा बच्चो के लिए किसी तरह की कोई कमी नहीं की ,बल्कि पिता के रूप में और एक अच्छे दोस्त बनकर भी बच्चो को और पत्नि का हौसला बढ़ाया.फ़िलहाल इस समय वे पश्चिम बंगाल के लिए निकल चुके है.जहाँ पर प्रतियोगिता में भाग लेकर अपना भाग्य आजमाएंगे.