90 साल की बुजुर्ग के हार्ट की तीन नसें ब्लॉक, बिना हड्डी काटे दूरबीन से किया गया बायपास सर्जरी,,अमेरिका एवम् जर्मनी में होता हैं इस तकनीक का इस्तेमाल,,

90 साल की बुजुर्ग के हार्ट की तीन नसें ब्लॉक, बिना हड्डी काटे दूरबीन से किया गया बायपास सर्जरी,,
अमेरिका एवम् जर्मनी में होता हैं इस तकनीक का इस्तेमाल,, 
अपोलो ने फिर रचा एक नया इतिहास,,

बिलासपुर। दिल के मरीजों के लिए राहत भरी खबर हैं। अब हार्ट के नसों के ब्लॉक के लिए उन्हें अब बायपास जैसे बड़े ऑपरेशन से नही गुजरना होगा। अब नसों के ब्लॉक, हृदय के छिद्र, वाल्व के ब्लॉक एवम अन्य हृदय की जटिल सर्जरी दूरबीन से बिना छाती की हड्डी काटे की जा सकती हैं।  

अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर के वरिष्ठ हृदय शल्य चिकित्सक डॉ. अनुज कुमार  द्वारा इस अनूठी सर्जरी को सफलतापूर्वक किया गया है। हृदय शल्य चिकित्सा की यह एक आधुनिक पद्धति है, जिसमें पारंपरिक पद्धति के समान छाती को काटने की एवं छाती को लगभग 10 इंच पूरा खोलने की आवश्यकता नहीं होती। बल्कि सिर्फ 7 से 8 सेमी के छोटे चीरे के माध्यम से संपूर्ण शल्य चिकित्सा संपन्न की जा सकती है।
 
डॉक्टर अनुज ने बताया की इसके अनेक फायदे है जैसे कम से कम रक्त की हानि जान की न्यूनतम जोखिम न्यूनतम संक्रमण की संभावना, लगभग दर्द रहित प्रक्रिया एवं न्यूनतम भर्ती दिनों की संख्या आदि महिला मरीजों के लिये यह तकनीक अत्यति उपयोगी है क्योंकि सामान्य सर्जरी से बनने वाले निशान की तुलना में अत्यधिक छोटा निशान बनता है जो सामान्य तौर पर दिखाई नहीं देगा।
 
मरीजो को जब पता चला की उनकी ओपन हार्ट सर्जरी होने वाली है तो उन्हें काफी डर लग रहा था और उनकी उम्र इसमें एक बड़ी बाधा थी जो की सर्जरी के जोखिम को काफी बढ़ा देता हैं, लेकिन जब डॉ अनुज कुमार ने उन्हें इस नवीन तकनीक के बारे में बताया तो उन्हें काफी राहत महसूस हुई. इसके बाद मरीजों की सफलतापूर्वक सर्जरी संपन्न हुई। ज्ञात हो हो अनुज कुमार अत्याधुनिक अनुभवी एवं कुशल हृदय, छाती एवं नसों के सर्जन है। इन्होंने देश के कई अन्य कई प्रतिष्ठित अस्पतालों जैसे फोर्टिस एस्कोर्ट नई दिल्ली, बी. एल. कपूर अस्पताल दिल्ली, अमृता अस्पताल केरल, पारस अस्पताल पटना में अपनी सेवाएं दे चुके है। ये उच्च जोखिम वाले हृदय शल्य किया एवं अत्याधुनिक हार्ट सर्जरी प्रणाली में दक्ष है। साथ ही देश के कई हृदय प्रत्यारोपण सर्जरी में भी शामिल रहे है। आज उन्होंने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि हृदय शल्य चिकित्सा की यह नवीनतम तकनीक हृदय रोगीयों के लिये किसी वरदान से कम नहीं है। डॉ अनुज नियमित रूप से बेंटल एण्डो बासकुलर सर्जरी,लेजर द्वारा वेरीकोस वेन सर्जरी जैसे नवीनतम पद्धति द्वारा ऑपरेशन को अंजाम दे रहे है।
 

 
मुख्य कार्यपालन अधिकारी ओडीसा व छ.ग.सुधीर दिग्गीकर ने इसे अंचल के लिये महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया क्योंकि इस पद्धति से छोटे से चिरे से हार्ट की सर्जरी संभव है जिससे मरीजों का में व्याप्त हार्ट सर्जरी के लिए झिझक एवं भय दूर होगी। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे तकनीकी उन्नयन हेतु अपोलो ग्रुप का सहयोग सदा उपलब्ध रहेगा और अंचल के मरीजों को नवीनतम तकनीक से उपचार प्रदाय किया जायेगा।

 
अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर के संस्था प्रमुख डॉ मनोज नागपाल ने डॉ अनुज कुमार एवं उनकी पूरी टीम को बधाई दी। उन्होने बताया की अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर राज्य के मरीजो एवं यहां के नागरिकों को अर्तराष्ट्रीय स्तर की चिकित्सा एवं अत्याधुनिक चिकित्सा तकनीक उपलब्ध कराने के लिये प्रतिबद्ध रहा है.  

डॉ. वैभव ओट्टलवार (मेडिकल सुप्रीटेंडेंट) ने  न्यूनतम जोखिम वाली हार्ट की बायपास सर्जरी जो कि बिना छाती खोले की जाती है, एक मील का पत्थर साबित होगी। दूरबीन पद्धति से हॉर्ट का बायपास प्रशन्सनीय उपलब्धि है। 

इस सफल सर्जरी में वरिष्ठ कॉर्डियालॉजिस्ट डॉ राजिव लोचन भाजा, डॉ रवि एवं पूरी टीम का सहयोग रहा।

Mukesh tiwari

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