जिले में अपना व्यवसाय शुरू करने असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों को ई-रिक्शा के लिए राज्य सरकार से 30 हजार रुपए की मदद दी जा रही है। असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल के माध्यम से यह राशि श्रम विभाग द्वारा दी जाएगी। साथ ही श्रम विभाग ई-रिक्शा के लिए बैंकों से लोन भी उपलब्ध कराएगा।
जिले में ध्वनि एवं वायु प्रदूषण रहित आवागमन को प्रोत्साहित करने के लिए श्रम विभाग ने शुक्रवार को गौरव पथ स्थित ऑडिटोरियम में ई-रिक्शा मेला का आयोजन किया।
जिले में ध्वनि एवं वायु प्रदूषण रहित आवागमन को प्रोत्साहित करने के लिए श्रम विभाग ने शुक्रवार को गौरव पथ स्थित ऑडिटोरियम में ई-रिक्शा मेला का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम में जिले के युवाओं को ई-रिक्शा की जानकारी दी गई। मेले में आरटीओ विभाग के अधिकारियों ने ई-रिक्शा के लिए लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया भी बताई।
ई-रिक्शा लेने के लिए 7 बैंकों द्वारा प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के तहत लोन भी दिया जाएगा।
बताया गया कि असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल के तहत पंजीकृत रिक्शा व ऑटो चालकों को ही ई-रिक्शा लेने के लिए 30 हजार रुपए की मदद दी जाएगी।
इसमें पंजीकृत रिक्शा चालकों की आयु 18 वर्ष से 50 वर्ष होना चाहिए। इसके अलावा आरटीओ से व्यावसायिक वाहन चालक का पंजीयन और स्वास्थ्य प्रमाण पत्र होना जरूरी है।
जिला श्रम अधिकारी अजय हेमंत देशमुख ने बताया कि ई-रिक्शा की कुल कीमत मॉडल के अनुसार एक लाख रुपए से सवा लाख रुपए तक है। इसमें शासन से 30 हजार रुपए की और 10 हजार रुपए खुद लगाकर बाकी राशि प्रधानमंत्री मुद्रा लोन के तहत बैंकों से ले सकते हैं।
इस प्रकार कर सकते हैं उपयोग:
इस प्रकार कर सकते हैं उपयोग:
चालकों को लगभग 25 मॉडल के ई-रिक्शा के बारे में बताया गया। जिसे व्यक्ति अपने काम के हिसाब से भी रिक्शा को डिजाइन करवा सकता है।
माल वाहक, यात्री वाहक, मुर्गी परिवहन के लिए पोल्ट्री कार्ट, गीले-सूखे कचरे के लिए, लॉन्ड्री डिलीवरी कार्ट, दूध वाहन, लोडर हाइड्रोलिक, मोबाइल चार्ट काउंटर, पान दुकान व सब्जी दुकान के लिए भी ई-रिक्शा का उपयोग किया जा सकता है। माल वाहक ई-रिक्शा पर 5 से 6 सौ किलो भार ढो सकते हैं।