सतना सड़क हादसा: जब मंत्री प्रतिमा बागरी बनीं इंसानियत की मिसाल
सतना। जिले में हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे के बाद, जब एक घायल परिवार को हर तरफ से निराशा हाथ लगी, तब मध्य प्रदेश की राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी ने जो किया, वह सच्ची जनसेवा की मिसाल बन गया। यह घटना साबित करती है कि राजनीति केवल वोट बैंक का खेल नहीं, बल्कि निस्वार्थ सेवा का माध्यम भी हो सकती है।
दर्दनाक हादसा, संकट में फंसा परिवार
प्रयागराज से हैदराबाद लौट रहे डॉ. कीर्ति पामो और उनके परिवार के लिए यह सफर जीवनभर न भूलने वाला बन गया। सतना से गुजरते वक्त उनकी कार का भीषण सड़क हादसा हुआ, जिसमें डॉ. कीर्ति समेत चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। डॉ. कीर्ति पामो के सिर की हड्डी टूट गई, जिससे उनकी हालत बेहद नाजुक हो गई। उन्हें तत्काल सतना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन डॉक्टरों ने स्पष्ट कर दिया कि उनकी जान बचाने के लिए उन्नत इलाज की जरूरत है। ऐसे में उन्हें एयरलिफ्ट करना ही एकमात्र विकल्प था, लेकिन भारी खर्च के कारण परिवार के लिए यह संभव नहीं था।
हर तरफ से मिली निराशा, फिर जागी उम्मीद
डॉ. कीर्ति का परिवार मदद के लिए हर संभव प्रयास करता रहा, कई जगह भटका, लेकिन निराशा ही हाथ लगी। वे न तो मध्य प्रदेश के निवासी थे और न ही उनके पास आयुष्मान कार्ड था, जिससे सरकारी मदद मिल पाती। इसी बीच गूगल पर सर्च करने के बाद परिजन मंत्री प्रतिमा बागरी के पते तक पहुंचे।
शनिवार रात 11 बजे वे मंत्री के घर पहुंचे, लेकिन उस समय वे वहां नहीं थीं। फिर भी परिवार ने हार नहीं मानी और अगली सुबह दोबारा मिलने गए। जब मंत्री प्रतिमा बागरी ने परिवार की आपबीती सुनी, तो उन्होंने बिना किसी देरी के मदद का भरोसा दिया।
मुख्यमंत्री से मिली मदद, तुरंत एयरलिफ्ट की व्यवस्था
संयोगवश, रविवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव रामपुर बघेलान दौरे पर थे। मंत्री प्रतिमा बागरी खुद घायल डॉक्टर के परिवार को लेकर मुख्यमंत्री के पास पहुंचीं और उन्हें इस गंभीर स्थिति से अवगत कराया।
मुख्यमंत्री ने तुरंत एयर एंबुलेंस की व्यवस्था करने का आदेश जारी कर दिया। अब डॉ. कीर्ति पामो को एयरलिफ्ट कर उनके घर हैदराबाद भेजा जा रहा है, जहां उनका उन्नत इलाज हो सकेगा।
राजनीति से परे, सच्ची जनसेवा की मिसाल
यह घटना सिर्फ एक सड़क हादसे या मदद की कहानी नहीं है, बल्कि यह राजनीति की उस छवि को भी बदलने वाली घटना है, जिसमें अक्सर जनप्रतिनिधियों पर स्वार्थी और वोट बैंक केंद्रित होने के आरोप लगते हैं। मंत्री प्रतिमा बागरी ने साबित कर दिया कि असली जनसेवा निस्वार्थ होती है।
यह कहानी इंसानियत और सच्चे नेतृत्व की मिसाल है, जो यह दिखाती है कि जब कोई सच में मदद करना चाहे, तो कोई भी रुकावट उसके रास्ते में नहीं आती।