होली: इतिहास, महत्व और इसकी परंपराएं
- मुकेश तिवारी की कलम से
होली, जिसे रंगों का पर्व कहा जाता है, भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख त्योहार है। यह न केवल उल्लास और आनंद का प्रतीक है, बल्कि बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश भी देता है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
होली का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व
होली का उल्लेख प्राचीन धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में मिलता है। इसकी शुरुआत की बात करें तो यह त्योहार प्राचीन भारत से जुड़ा हुआ है और कई कथाओं से इसका संबंध है।
1. भक्त प्रह्लाद और होलिका की कथा
सबसे प्रसिद्ध कथा राजा हिरण्यकशिपु और उनके पुत्र प्रह्लाद से जुड़ी हुई है। हिरण्यकशिपु ने खुद को ईश्वर मान लिया था और चाहता था कि सभी उसकी पूजा करें। लेकिन उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का भक्त था। हिरण्यकशिपु ने प्रह्लाद को मारने के कई प्रयास किए, लेकिन हर बार भगवान विष्णु ने उसे बचा लिया। अंत में, हिरण्यकशिपु की बहन होलिका, जिसे आग में न जलने का वरदान प्राप्त था, उसने प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठने का प्रयास किया। लेकिन भगवान की कृपा से होलिका जल गई और प्रह्लाद सुरक्षित बच गया। इसी घटना की स्मृति में ‘होलिका दहन’ किया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
2. श्रीकृष्ण और राधा की प्रेम कथा
भगवान श्रीकृष्ण और राधा की प्रेम कहानी भी होली से जुड़ी हुई है। मान्यता है कि कृष्ण जी का रंग सांवला था और वे राधा के गोरे रंग से ईर्ष्या करते थे। माता यशोदा ने कृष्ण को राधा और उनकी सखियों पर रंग डालने का सुझाव दिया, जिससे होली खेलने की परंपरा शुरू हुई। वृंदावन और बरसाने में आज भी इसी परंपरा का पालन किया जाता है।
होली का सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व
होली केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता का प्रतीक भी है। इस दिन सभी भेदभाव भुलाकर लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और मिठाइयाँ बांटते हैं। यह पर्व भाईचारे, प्रेम और सौहार्द्र का संदेश देता है।
- रंगों का त्योहार: यह न केवल प्राकृतिक रंगों का उपयोग करने की प्रेरणा देता है, बल्कि जीवन में खुशियों के रंग भरने का भी संदेश देता है।
- संगीत और नृत्य: होली के अवसर पर फाग गीत, ढोल, मंजीरे और नृत्य का आयोजन किया जाता है, जिससे पूरे माहौल में उत्साह बना रहता है।
- भाईचारे का पर्व: होली सभी मत-मतांतरों को भुलाकर एकता का संदेश देती है। इस दिन दुश्मनी को भूलकर मित्रता की नई शुरुआत की जाती है।
निष्कर्ष
होली केवल रंगों का पर्व नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का उत्सव है। यह हमें सिखाता है कि बुराई कितनी भी ताकतवर क्यों न हो, अंत में अच्छाई की ही जीत होती है। प्रेम, सौहार्द्र और भाईचारे का संदेश देने वाला यह त्योहार हर वर्ष हमें एक नई ऊर्जा और उमंग प्रदान करता है।
- मुकेश तिवारी