सुनामी छत्तीसगढ़ न्यूज़ | बालोद
धर्मांतरण से घर वापसी की मिसाल बनी हीरापुर की घटना, ग्रामीणों और विहिप के दबाव पर परिवार ने अपनाया हिंदू धर्म
बालोद जिले के हीरापुर गांव में धर्मांतरण का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया। लंबे समय से जिले में ईसाई मिशनरियों द्वारा सेवा, स्वास्थ्य और आर्थिक प्रलोभन देकर हिंदू परिवारों का धर्मांतरण कराने का आरोप लगता रहा है। लेकिन इस बार गांव के लोगों और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के प्रयास से धर्मांतरण करने वाला परिवार वापस हिंदू धर्म में लौटा।
हीरापुर गांव में एक धर्मांतरित परिवार के सदस्य की मृत्यु के बाद जब शव के अंतिम संस्कार की बात आई तो ग्रामीणों और विहिप ने विरोध किया। गांव के हिंदू मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार के लिए जगह देने से साफ इंकार कर दिया गया। इस दौरान गांव में बैठक बुलाई गई जिसमें मृतक की पत्नी मोनस बाई साहू, दानेश्वरी साहू, देविका साहू, कविता साहू और दुर्गेश्वरी साहू ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए हिंदू धर्म में लौटने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने लिखित में यह भी दिया कि अब वे सनातन हिंदू धर्म की परंपराओं और पूजा पद्धतियों का पालन करेंगे और अपने घर में हिंदू देवी-देवताओं की स्थापना करेंगे।
परिवार ने गांव के मंदिर में जाकर पूजा अर्चना की और ईसाई धर्मग्रंथ बाइबिल को नदी में प्रवाहित किया। साथ ही पवित्र गंगाजल का पान कर विधिवत हिंदू धर्म को अपनाया। इसके बाद ही ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधाम में जगह दी।
इस घटना पर विहिप जिला अध्यक्ष बलराम गुप्ता ने कहा, "जिले में लंबे समय से चल रहे अवैध धर्मांतरण की साजिश का पर्दाफाश हो रहा है। भोले-भाले हिंदू परिवारों को बहला कर ईसाई बनाने का काम किया जा रहा है। हिंदू धर्म को कमजोर करने की साजिश चल रही है। विहिप और बजरंग दल ऐसे घर वापसी अभियानों को और तेज करेंगे।"
गांव की बैठक में सेतराम साहू (ग्राम पटेल), परमानंद साहू, सतानंद साहू, लक्ष्मण साहू, प्रभुराम, कुबेर साहू समेत विहिप के उमेश सेन और बालोद ग्रामीण विहिप अध्यक्ष मुरली साहू भी उपस्थित रहे।
यह घटना जिले में धर्मांतरण के विरुद्ध जनजागरूकता की दिशा में एक बड़ा उदाहरण बन गई है।
---
👉 विशेष नोट:
इस खबर को लेकर पुलिस व प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। सुनामी छत्तीसगढ़ आपके पास अपडेट पहुंचाता रहेगा।