34 साल की सुनीता 8 साल के बेटे काव्यांश के साथ रहती थीं।
पति की 7 साल पहले हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। तब काव्यांश सिर्फ दो महीने का था।
घरवालों ने बार-बार कहा- जीवन लंबा है, दूसरी शादी कर ले। पर सुनीता ने साफ कहा- अब मेरी जिंदगी काव्यांश है।
सुनीता स्कूल में टीचर बनी, बेटे की परवरिश की और जिंदगी को किसी तरह पटरी पर लाने लगी। लेकिन एक दिन उसके मोबाइल में इंस्टाग्राम पर आए एक रिक्वेस्ट ने उसकी दुनिया बदल दी।
इंस्टा पर छत्रपाल सिंह सिंगौर से सुनीता की दोस्ती हो गई फिर दोनों की मुलाकात हुई।
छत्रपाल ने बताया कि वह कुंवारा है और सुनीता को भरोसा दिलाया की वह सुनीता से शादी करेगा और एक दिन उसका बेटा उसे पापा कहेगा।
डेढ़ महीने पहले सुनीता को पता चला कि छत्रपाल ने किसी दूसरी लड़की से गुपचुप तरीके से शादी कर लिया।
सुनीता ने छत्रपाल पर शादी का दबाव बनाया छत्रपाल ने उसे अपने गांव बुलाया वहां सुनीता और उसके बेटे की हत्या कर दी
हत्या के बाद दोनों के शवों को साड़ी में लपेटा गया, बोरी में भरा गया, पत्थर बांधकर दो अलग-अलग कुओं में फेंक दिया गया ताकि कोई सबूत न मिले।
घर से सुनीता अपने सारे डॉक्यूमेंट, गोल्ड ज्वेलरी और कैश लेकर गई थी।
काव्यांश अपने खानदान का आखिरी वारिस था, 2 महीने पहले दादा गुजर गए, 7 साल पहले पिता गुजर गए, बची तो घर में सिर्फ बूढी दादी..
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