छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची सुरंग में आया दरार,,,दीवारों से टकरा रहे कोच,,

बिलासपुर /  छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्टेशन से कटनी की ओर जाने वाली रेलगाड़ी इन दिनों खतरे के निशान से गुजर रही हैं। बिलासपुर से पेंड्रा के बीच ऊंची पहाड़ियों से घिरा घना जंगल भी नजर आता है। इस रेलवे ट्रैक पास भनवारटंक स्टेशन के करीब डाउन लाइन पर 115 साल पुरानी बेहद महत्वपूर्ण सुरंग है। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Tallest Tunnel) में सबसे ऊंचाई पर बनी 331 मीटर लंबी सुरंग में दरारें पड़ने लगी हैं। ईटों से बनी हुई दीवारों के ईंट खुलते नजर आ रहे हैं। सुरंग पर जो दीवार बने थे, उसके प्लास्टर भी अब उखड़ कर जमीन पर गिरने लगे हैं।

लाइन दोहरीकरण के दौरान 1966 में यहीं अप लाइन पर दूसरी सुरंग बनाई गई। इसकी उम्र पुरानी सुरंग से 59 साल कम है और लंबाई 109 मीटर ज्यादा (कुल 441 मीटर) है। नई सुरंग इतनी सीधी है कि आरपार दिखता है। लाइन दोहरीकरण के दौरान 1966 में यहीं अप लाइन पर दूसरी सुरंग बनाई गई। इसकी उम्र पुरानी सुरंग से 59 साल कम है और लंबाई 109 मीटर ज्यादा (कुल 441 मीटर) है। नई सुरंग इतनी सीधी है कि आरपार दिखता है।

सुरंग जर्जर होने की वजह से इस रेलवे लाइन से गुजरने वाली ट्रेन 10 से 16 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरती है ताकि कोई खतरा ना हो और इस खतरे से भी बचा जा सके। इस रेलवे ट्रैक पर आने वाली गाड़ियां मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और बिहार से बिलासपुर की ओर आने वाली सभी ट्रेनें इसी सुरंग से गुजरकर बाहर जाती हैं।

रेलवे के अफसरों का कहना है कि जो ब्रिज बना है, बिलासपुर जोन और समूचे छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचा है। रेलवे के अफसर इस सुरंग को देखने के लिए जा रहे हैं और अगर इस तरह की दिक्कतें हैं तो सुरंग के आसपास जो दिक्कतें आ रही हैं, उसे रिपेयरिंग करने का कार्य किया जाएगा।

115 साल पहले बने इस सुरंग का डिजाइन गोल और बड़े पाइप जैसा किया गया है। पुराने समय में चली आ रही ट्रेनों की आकृति को मध्य नजर रखते हुए ट्रेनों के इंजन और बोगियों के हिसाब से बनाई गई होंगी। अब हाई टेक्निक एलएचबी कोच आ गए हैं। ये डोलने पर सुरंग की दीवारों से रगड़ खाने लगे हैं। इसलिए भी ट्रेनों को 10 की स्पीड से गुजारा जा रहा है ताकि कोच यदि रगड़ भी खाएं तो नुकसान न हो। इन सुरंग में हैलोजन लाइट्स के लिए लगाए गए केबल जगह-जगह से खुले हुए हैं।

कोच के सुरंग की दीवारों से टकराने का एक खतरा यह भी है कि यदि कोच टकराकर खुले तार के संपर्क में आए तो करंट भी फैल सकता है। इस सुरंग से जब रेलगाड़ी गुजरती है तो सुरंग के बीच में पटरी के किनारे पहाड़ का पानी भी रिसता हुआ नजर आ रहा है। इस पानी का उपयोग आसपास गांव के रहने वाले लोग उपयोग कर रहे हैं।





Mukesh tiwari

स्वामी, प्रकाशक एवं संपादक- मुकेश तिवारी पता- हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी रामगोपाल तिवारी नगर ,बिलासपुर, छ ग मोबाइल- 9174310780 ईमेल- sunaminewsmp36@gmail.com समाचार पोर्टल Sunami Chhattisgarh.com में प्रकाशित खबरों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है . समाचार की विषय वस्तु संवाददाता के विवेक पर निर्भर है. यह एक हिंदी न्यूज़ पोर्टल है जिसमें बिलासपुर और छत्तीसगढ़ के साथ देश और दुनिया की खबरें प्रकाशित की जाती है।पोर्टल में प्रकाशित किसी भी खबर में कानूनी विवाद की स्थिति में संबंधित रिपोर्टर ही पूर्णतः उत्तरदायी है।

एक टिप्पणी भेजें

Hi

और नया पुराने

Tech

News website @999 Only
8383900865 / 6392321095
News website @999 Only
8383900865 / 6392321095