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रीवा जिला के अंतर्गत देवतालाब मऊगंज नईगढ़ी हनुमाना क्षेत्र में जहां भी प्रधानमंत्री सड़कों का निर्माण हुआ है
तो 1 साल के अंदर ही सड़कों पर गिट्टी ही गिट्टी नजर आती है और सड़क उखड़ पुखड़कर गड्ढों में हो जाती है तब्दील
ग्राम पंचायत की जनता एवं राहगीरों द्वारा किया जा रहा सवाल
कि प्रधानमंत्री सड़क में कितनी राशि खर्च की जाती है इसके बावजूद 1 वर्ष के अंदर ही सड़क क्यों उखड़ पुखड़कर गड्ढों में तब्दील हो जाती है
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आम जनता एवं राहगीर को चलने में होती है मुसीबत अब सवाल इस बात का है कि ठेकेदार और इंजीनियर साहब का दौरा तो होता है
लेकिन दौरा कहीं खोकला तो नहीं है जिसके वजह से प्रधानमंत्री सड़क की हालत जल्दी ही खस्ता बन जाती है आम जनता को गड्ढों में चलने के लिए हो रहे मजबूर
जिले में पंचायतों में पंच परमेश्वर की राशि को कागज के पन्नों में वृक्षारोपण मेंटेनेंस के नाम पर राशि का भुगतान तो दिखा रहा है
लेकिन अस्थल में कुछ पंचायतों में कहीं नामोनिशान नहीं दिखता है केवल कागज के पन्ने में ही लिखा दिख रहा है
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जब इसके बारे में सीओ से चर्चा किया जाता है तो सीओ भी गोलमोल का जवाब देते नजर आए
जब पंचायत की आम जनता से एवं समाजसेवियों से इस बारे में चर्चा किया गया तो समाज सेवी एवं ग्राम पंचायत की आम जनता ने उदाहरण देते हुए बताया कि
हर पंचायत में खेल मैदान के लिए सरकार द्वारा एक बेहतर योजना संचालित की गई थी एवं राशि भी खर्च की गई है लेकिन खेल मैदान का कहीं नहीं दिखता है नामोनिशान
हर पंचायतों में वृक्षारोपण तो किया जाता है लेकिन वृक्षारोपण कागज के पन्नों में दिखता है और पंचायतों में वृक्ष का कहीं नहीं दिखता है नामोनिशान यह सवाल आम जनता कर रही है
वहीं जिले में पीएचई विभाग में ठेकेदारी के मनमानी के वजह से नल जल योजना एवं जल मिशन योजना ग्राम पंचायत की आम जनता एवं गमों को नहीं मिल रहा सुविधा
हर ग्राम पंचायतों में मोटर के नाम पर एवं पाइपलाइन और टंकी लगाकर ठेकेदार हो जाते हैं गयब
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जिला के बैठे पीएचई विभाग के अधिकारी से जब इस बारे में चर्चा करने की कोशिश की जाती है तो जिला के अधिकारी भी जवाब देने से पीछे हटते नजर आ रहे हैं
जबकि अब हालात आने वाले समय में ऐसी हो जाएगी की गांव एवं पंचायत की जनता को पानी के लिए दूर-दूर तक भटकना पड़ेगा
सरकार द्वारा योजना तो संचालित की जा रही है कि जल मिशन योजना हर पंचायत एवं गांव में पहुंच जाए जिससे लोगों की पानी की समस्या का समाधान सरलता से हो जाए
लेकिन पीएचई विभाग के जिला के अधिकारी एवं ठेकेदार की मनमानी के वजह से आम जनता की सोच में पानी फिरता दिख रहा है
वही ठेकेदारों से जब पाइपलाइन एवं टंकी के बारे में चर्चा किया जाता है तो ठीकेदार द्वारा भी गोलमोल का जवाब देते नजर आए
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वहीं जिले में सीएमएचओ बैठे हुए हैं और जब सिविल एवं समुदाय स्वास्थ्य केंद्रों में कुत्ते की दवाई के बारे में सीएमएचओ से चर्चा किया गया तो सीएमएचओ द्वारा सीधे तौर पर बताया गया कि प्रदेश लेवल तक कुत्ते की दवाई उपलब्ध नहीं हो रही है
अब सवाल इस बात का है कि सरकार द्वारा आम जनता एवं गरीब के लिए कुत्ते की दवाई हर समुदाय स्वास्थ्य केंद्र एवं सिविल अस्पतालों में व्यवस्था बनाई गई है
लेकिन जब सीमाओं से इस बारे में चर्चा किया गया तो सीधे हाथ खड़े करते हुए नजर आए
वहीं जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के बी एम ओ से एवं सिविल अस्पताल के बी एम ओ से चर्चा किया जाता है
साफ तौर पर सिविल अस्पताल एवं समुदाय स्वास्थ्य केंद्रों के बीएमओ ने अपने शब्दों में कहा कि हम लोगों को बहुत कम मात्रा में दवाएं उपलब्ध होती है
जिसके वजह से जल्दी ही दवाई खत्म हो जाती है अब सवाल इस बात का है कि गरीब जनता कहां लगाए गुहार जिससे इस समस्या का सरलता से हो निदान