डाउन्स सिन्ड्रोम विशेषांक आज दिवस पर विशेष,,,


डाउन्स सिन्ड्रोम विशेषांक आज दिवस पर विशेष,,,
aaj k मंदता जिसे अब intellectual disability भी कहा जाता है। मानसिक मंदता का संबंध वर्तमान क्रियावाही मे पर्याप्त परिसीमाओ से होता है। इसमें बुद्धिलब्धि 70 से नीचे होता है तथा अनेक समायोजी कौशल क्षेत्रो मे दो या दो से अधिक एरिया प्रभावित हो सकते हैं जैसे संचार, आत्म-देखरेख, घरेलू जिंदगी, सामाजिक कौशल, स्वास्थ्य, सुरक्षा, अवकाश आदि। मानसिक दुर्बलता की कुछ प्रमुख विशेषताऐ होती है जिनमें सीमित बौद्धिक क्षमता, सीमित समायोजन योग्य व्यवहार, शारीरिक न्यूनता, शिक्षा एवं प्रशिक्षण की अपर्याप्तता, संज्ञानात्मक दुर्बलता आदि होते हैं। मानसिक दुर्बलता के अनेक प्रकार होते हैं जिसे मुख्य रूप से तीन भागों मे बाँटा गया है जैसे बुद्धि की कसौटी के आधार पर, समायोजन योग्य व्यवहार की कसौटी के आधार पर, क्लीनिकल कसौटी के आधार पर।
जब हम डाउन्स सिन्ड्रोम की बात करते हैं तो इसे क्लीनिकल कसौटी के आधार पर रखा गया है। डाउन्स सिन्ड्रोम का वर्णन सबसे पहले ब्रिटेन के मनोचिकित्सक लैंगडान डाउन ने वर्ष 1886 मे किया था। इस केटेगरी मे I.Q. 25 से 50 के बीच होती है। ऐसे व्यक्तियो का चेहरा मंगोलियन जाति के लोगों से मिलता जुलता है। इसलिए इसे मंगोलिज्म भी कहा जाता है। इनका चेहरा गोल, आखे धसी हुई, नाक छोटी और चपटी, हाथ छोटे और मोटे होते हैं। ऐसे व्यक्तियो के क्रोमोजम्स के 21वा पेयर मे एक एक्सट्रा क्रोमोजम्स होता है। फलस्वरूप क्रोमोजम्स की संख्या 46 न होकर 47 होती है। डाउन सिन्ड्रोम जन्मजात रोग नहीं होता बल्कि यह उत्पादक प्रक्रिया के दौरान एक विशेष जेनेटिक त्रुटि के परिणामस्वरूप होता है। 
इस तरह के बच्चों के प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है विशेष प्रशिक्षण और देखरेख से ऐसे बच्चे अपने जीवन मे समायोजी कौशल को सीखकर जीवन को बेहतर तरीके से जी सकते हैं। इनकी बौद्धिक हीनता उच्च स्तरीय संज्ञानात्मक कौशल जैसे concept formation तथा हल्के समस्या समाधान करते समय भी स्पष्ट रूप से दिखता है। 
स्वीडन में डाउन सिंड्रोम वाले 5 से 15% बच्चों के बीच नियमित स्कूल में भाग लेते हैं। हाईस्कूल से कुछ स्नातक; हालांकि, ज्यादातर नहीं करते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में बौद्धिक अक्षमता वाले लोगों में से जिन्होंने 40% स्नातक की उपाधि प्राप्त की। कई लोग पढ़ना और लिखना सीखते हैं और कुछ भुगतान किए गए काम करने में सक्षम होते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 20% वयस्कता में कुछ क्षमता में भुगतान किया जाता है। स्वीडन में, हालांकि, 1% से कम नियमित नौकरियां हैं। कई अर्द्ध स्वतंत्र रूप से जीने में सक्षम हैं, लेकिन उन्हें अक्सर वित्तीय, चिकित्सा और कानूनी मामलों के साथ मदद की आवश्यकता होती है। मोज़ेक डाउन सिंड्रोम वाले आमतौर पर बेहतर परिणाम होते हैं। डाउन सिंड्रोम वाले व्यक्तियों की आम जनसंख्या की तुलना में प्रारंभिक मृत्यु का उच्च जोखिम होता है। यह अक्सर दिल की समस्याओं या संक्रमण से होता है। विशेष रूप से दिल और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं के लिए चिकित्सा देखभाल में सुधार के बाद, जीवन प्रत्याशा बढ़ गई है।
जब स्क्रीनिंग परीक्षण डाउन सिंड्रोम के उच्च जोखिम की भविष्यवाणी करते हैं, तो निदान की पुष्टि के लिए एक अधिक आक्रामक नैदानिक ​​परीक्षण (अमीनोसेनेसिस या कोरियोनिक विला नमूनाकरण) की आवश्यकता होती है। यदि 500 ​​गर्भधारण में से एक में डाउन सिंड्रोम होता है और परीक्षण में 5% झूठी-सकारात्मक दर होती है, तो इसका मतलब है कि 26 महिलाओं में से जो स्क्रीनिंग पर सकारात्मक परीक्षण करते हैं, केवल एक ही डाउन सिंड्रोम की पुष्टि होगी। यदि स्क्रीनिंग टेस्ट में 2% झूठी-सकारात्मक दर है, तो इसका मतलब है कि स्क्रीनिंग पर सकारात्मक परीक्षण करने वाले ग्यारह में से एक डीएस के साथ भ्रूण है। अमीनोसेनेसिस और कोरियोनिक विला नमूना अधिक विश्वसनीय परीक्षण हैं, लेकिन वे गर्भपात के जोखिम को 0.5 और 1% के बीच बढ़ाते हैं। प्रक्रिया के कारण संतान में अंग समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। प्रक्रिया से जोखिम पहले किया जाता है जितना पहले किया जाता है, इस प्रकार 10 सप्ताह गर्भावस्था की उम्र से पहले 15 सप्ताह गर्भावस्था की आयु और कोरियोनिक विला नमूनाकरण से पहले अमीनोसेनेसिस की सिफारिश नहीं की जाती है।
शुरुआती बचपन के हस्तक्षेप जैसे प्रयास, सामान्य समस्याओं के लिए स्क्रीनिंग, संकेत दिया गया चिकित्सा उपचार, एक अच्छा पारिवारिक माहौल, और कार्य से संबंधित प्रशिक्षण डाउन सिंड्रोम वाले बच्चों के विकास में सुधार कर सकता है। शिक्षा और उचित देखभाल जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकती है। डाउन सिंड्रोम वाला बच्चा उठाना एक अप्रभावित बच्चे को बढ़ाने से माता-पिता के लिए अधिक काम है। विशिष्ट बचपन की टीकाकरण की सिफारिश की जाती है।

डा दीप्ति धुरंधर 
मनोवैज्ञानिक 
राज्य मानसिक चिकित्सालय सेदरी बिलासपुर छ ग

Mukesh tiwari

स्वामी, प्रकाशक एवं संपादक- मुकेश तिवारी पता- हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी रामगोपाल तिवारी नगर ,बिलासपुर, छ ग मोबाइल- 9174310780 ईमेल- sunaminewsmp36@gmail.com समाचार पोर्टल Sunami Chhattisgarh.com में प्रकाशित खबरों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है . समाचार की विषय वस्तु संवाददाता के विवेक पर निर्भर है. यह एक हिंदी न्यूज़ पोर्टल है जिसमें बिलासपुर और छत्तीसगढ़ के साथ देश और दुनिया की खबरें प्रकाशित की जाती है।पोर्टल में प्रकाशित किसी भी खबर में कानूनी विवाद की स्थिति में संबंधित रिपोर्टर ही पूर्णतः उत्तरदायी है।

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