प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में चल रहा ठेकेदारों की मनमानी, विभागीय अधिकारी ले रहे दूर से मजे ,कोई कार्यालय के कार्य से हैं राजधानी में तो कोई है अन्य कार्यों में व्यस्त......
बलौदाबाजार। पीएमजीएसवाई के अंतर्गत सड़क निर्माण कार्य में ठेकेदार व प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधिकारियों द्वारा जमकर भ्रष्टाचार कर स्तरहीन निर्माण सामग्री का उपयोग कर सड़क निर्माण कराया जा रहा है। ऐसे तो पुुुरे प्रदेश में हर जगह सड़कें बनायी गई एवं पांच साल के मेंटनेन्स सहित संविदा की पूर्ति भी की गई, किन्तु भ्रष्टाचार के कारण सड़कें केवल नाम मात्र के लिए ही निर्मित की गई, जिसमें भारी भ्रष्टाचार हुआ। गुणवत्ताहीन सड़क निर्माण से कुछ महीनों में ही सड़कों पर दरारें आ रहीं हैं और जगह-जगह धंसने भी लगी हैं। योजना के तहत बनी सड़कों का कमोबेश पूरे प्रदेश में एक जैसा हाल है। अधिकारियों ने इस योजना को तिजोरी भरने का माध्यम बनाकर ठेकेदारों को घटिया निर्माण करने का लाइसेंस दे दिया है। ऐसा ही एक मामला ज़िले के कसडोल विकासखंड मुख्यालय से खर्वे पहुँच मार्ग के मरम्मत कार्य पर ठेकेदार द्वारा जोरों की मनमानी वर्तमान में देखी जा सकती है जहां अत्यंत ही जर्जर एवं खस्ताहाल हो चुके बहुप्रतीक्षित सड़क के निर्माण कार्य को करने में ठेकेदार द्वारा भ्रस्टाचार में कोई कसर नहीं छोड़ा जा रहा है। इस कार्य को आरंभ करते हुए ठेकेदार ने बिना पूर्व मलबे को हटाए ही उस पर गिट्टियां बिछाई फिर तुरंत ही उस पर कोलतार से सनी गिट्टियों को चढ़ा कर उसे रोड रोलर से दबाने का प्रयास किया जा रहा है। जो कि ठेकेदार द्वारा कराये जा रहे सड़क निर्माण की नींव ही गलत है जिसका वर्तमान में परिणाम यह सामने आ रहा है कि पैर से रगड़ने या कोरों को हाथ से पकड़ने पर पपड़ी की तरह पूरा मलबा ही उखड़ जा रहा है।
इन पूरे मामले की पूर्ण जानकारी के लिये उप यंत्री इग्नेश कुर्रे से मोबाईल नंबर 8349738309 पर एवं अनुविभागीय अधिकारी प्रमोद कुमार निर्मलकर के मोबाईल नंबर 9755366678 पर फोन किये जाने पर उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया। किन्तु whatsapp में सड़क निर्माण कार्य से संबंधित फ़ोटो भेजे जाने पर उप यंत्री ने कार्यालयीन कार्यों से राजधानी आने एवं अनुविभागीय अधिकारी द्वारा ही पूर्ण जानकारी दिये जाने की बात कही गई। जिससे साफ जाहिर होता है ,कि जो सड़कें वर्तमान में बन रही हैं उसकी गुणवत्ता निर्माण स्थलों का निरीक्षण कर जांचा जा सकता है जब से योजना शुरू हुई है अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदारों ने जमकर कमाई की है। राज्य सरकार और लोक निर्माण विभाग भ्रष्टाचार की शिकायतों को संज्ञान में लेने की जगह ठेकेदारों और कमीशन खोर अधिकारियों को उपकृत कर रहा है। सड़क घोटालों को छुपाने के लिए राज्य सरकार मरम्मत के लिए भी टेंडर जारी कर उन्हें कमाई का मौका देती है जिससे शासन को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है।