तीरथ का अन्दाज निराला निविदा से ज्यादा पैसा फर्म को दे डाला......लेखन एवं फोटोकॉपी निविदा में खेल कर दिया बाबू ने ....

तीरथ का अन्दाज निराला निविदा से ज्यादा पैसा फर्म को दे डाला

लेखन एवं फोटोकॉपी निविदा में खेल कर दिया बाबू ने 
कसडोल । जनपद पंचायत कसडोल में बाबू ने फर्म वालो के साथ मिलकर जोरदार खेल कर दिया, निविदा कोटेशन को दरकिनार करते हुए,अन्य आकस्मिक व्यय मद से आवश्यक लेखन सामग्री खरीदी एव फोटोकॉपी कार्य के बिलों में जोरदार तरीके से लाखो रुपया में हाथ साफ कर दिया है। 
विदित हो कि जनपद पंचायत कसडोल में प्रतिवर्ष लाखों रुपयों की लेखन सामग्री एवम फोटोकॉपी में खर्च किये जाते है, वित्तीय वर्ष 2021 -22 में सामग्री के लिए निविदा आमंत्रित की गई, निविदा में कसडोल नगर के 05 फर्मो द्वारा निर्धारित प्रपत्र में सामग्री की दर भरकर कार्यालय में जमा किया गया, जिसमे न्यूनतम दर भरने वाले फर्म श्री बुक डिपो को वर्ष 2021-22 में लेखन एवं फोटोकॉपी सामग्री प्रदाय करने का कार्यादेश मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कसडोल द्वारा जारी किया गया था, कार्यादेश जारी होने के पश्चात संबंधित स्थापना शाखा  के बाबू तीरथ राम साहू ने श्री बुक डिपो एंड जनरल सप्लायर , फर्म के मालिक के साथ मिलकर बिलो में हेराफेरी करते हुए लाखो रुपया पेट मे भर लिया और डकार तक नही लिया। इस मामले का खुलासा सूचना अधिकार अधिनियम से निकाले बिलो के आधार पर हुवा, जब फ़र्म ने निविदा में एक फोटोकॉपी का चालीस पैसे दर भरा था, कोटेशन में कम दर होने से श्री बुक डिपो  एंड जनरल सप्लायर को सामग्री उपलब्ध करने के संबंध में अनुबंध किया गया था, पर फर्म द्वारा जारी बिलों में वही फोटोकॉपी दर किसी बिल पचास पैसे तो किसी बिल मे एक  रुपये तो किसी बिल में दर एव मात्रा का कोई उल्लेख ही नही होना कहा तक उचित है। तो कही पर सीधी बिल राशि को ही लिख दिया गया है इसी प्रकार फोटोकॉपी पेपर प्रति पेकेट निविदा में यदि 50 पैसा दर्शाया गया है, और बिल में 250 रुपये के हिसाब से निकाला गया है।
निविदा में डाली गई दर न्यायसंगत नही होने पर भी यदि निविदा स्वीकृत किया गया था तो उसी दर से खरीदी गई वस्तु का भुगतान मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा किया जाना था क्योंकि भुगतान के धनादेश पर दस्तखत तो मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने ही किया है । 

इस सम्बंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कसडोल हिमांशु वर्मा ने कहा कि संबंधित शाखा के लिपिक की गलती है, निविदा के हिसाब से फर्म को राशि भुगतान किया जाना था, तय दर से अधिक भुगतान किया है तो सीधा फर्म को लाभ पहुँचाते हुए गबन किया है दोषी लिपिक पर करवाई करते हुए गबन राशि की वसूली की जाएगी एवम उच्चाधिकारियों से इस संबंध में आवश्यक मार्गदर्शन लेकर कार्यवाही की जाएगी  ।

Mukesh tiwari

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