110 वर्षीय सियाराम बाबा जिन्होंने 10 सालों तक खड़े रहकर किया तप और 12 साल तक रहे मौन,,,,
Siyaram Baba:- ईतिहास गवाह है कि भारतीय संतों ने योग और ध्यान के बल पर पूरे विश्व को चौंकाने का काम किया है. साथ ही कठीन साधना के जरिये इंद्रियों पर संयम रखने और शरीर को हर मौसम के अनुकूल बनाकर भी सब को हैरान किया है. यही वजह है कि योग और अध्यात्म के मामले में भारत का स्थान शीर्ष पर है. वहीं, योग की बारीकियों को जानने व सीखने के लिए विश्व के कोने-कोने से लोगों का भारत आगमन होता रहता है.


सियाराम बाबा (Saint Siyaram Baba) की एक ख़ास बात ये है कि वो दान में सिर्फ़ 10 रुपए ही लेते हैं. अगर कोई 10 रुपए से ज्यादा उन्हें दान दे, तो वो बाकी पैसे उन्हें लौटा देते हैं. कहते हैं कि एक बार अर्जेंटीना व ऑस्ट्रिया के कुछ लोग बाबा के दर्शन करने के लिए उनके आश्रम गए और उन्होंने 500 रुपए बाबा को दान में दिये, लेकिन बाबा ने 10 रुपए लेकर बाकी पैसे उन्हें लौटा दिये.
एक लंगोट में गुज़ार देते हैं सारे मौसम
ठंडी हो या गर्मी, सियाराम बाबा आपको हर वक़्त एक लंगोट में ही नज़र आएंगे. ध्यान साधना के बल पर उन्होंने अपने शरीर को मौसम के अनुकूल बना लिया है, इसलिए कड़ाके की ठंड भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाती है. वहीं, इतनी उम्र होने के बावजूद वो अपना पूरा काम स्वयं ही करते हैं. वो अपना भोजन ख़ुद ही बनाकर खाते हैं.
बाबा के नाम के पीछे की कहानी भी दिलचस्प है. कहते हैं कि बाबा ने 12 वर्षों तक मौन धारण करके रखा हुआ था. वहीं, जब 12 वर्षों बाद उन्होंने अपना मुख खोला, तो उनके मुख से पहला शब्द निकला ‘सियाराम’. इस वजह से गांव के लोगों ने उनका नाम सियाराम रख दिया और अब बाबा सियाराम बाबा के नाम से ही जाने जाते हैं.