आज अन्नदाता बेरोजगार आम जनता गरीब परिवार के लोग कर रहे सवाल
अन्नदाता से चर्चा करने के बाद अन्नदाता दर्द भरी कहानी सुनना शुरू किया
वादा तो बड़े-बड़े अन्नदाताओं के लिए किया जाता है
लेकिन वह वादा खोखला दिख रहा है क्योंकि अन्नदाताओं की दोगुनी आए नहीं हुई
अन्नदाता का कर्ज माफ हुआ नहीं बिजली का बिल भारी भरकम आ रहा है अन्नदाता समस्याओं से जूझ रहा है
अन्नदाता का सबसे बड़ा सवाल आवारा पशुओं की वजह से हम खेती करना बंद कर रहे हैं
जो किसान खेती कर रहा है उस किसान की खेती आवारा पशुओं द्वारा लगातार बर्बाद किया जा रहा है
सरकार से लेकर प्रशासन तक तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं लेकिन अन्नदाता की समस्या का नहीं हो रहा समाधान
बेरोजगार अपनी दशा अपनी दुर्दशा को लेकर अपने शब्दों में कह रहा है
कि जो वादा किया था वह वादा ढिंढोरा पीटने जैसे दिख रहा है
क्योंकि बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिल रहा है जिसके वजह से बेरोजगार दर-दर की खा रहे ठोकर
जब गरीब परिवार के लोगों एवं मध्यम वर्ग के लोगों से चर्चा किया गया तो
गरीब परिवार के लोग एवं मध्यम वर्ग के लोग अपने शब्दों में कह रहे हैं
कि आज इतनी महंगाई हो गई कि हमारी रोजी-रोटी चलना मुश्किल दिख रहा है
वही अन्नदाता बेरोजगार और गरीब परिवार के लोगों ने केजरीवाल का उदाहरण देते हुए
कहा कि क्या केजरीवाल जैसी सरकार हो सकती है कि केजरीवाल शिक्षा मुक्त स्वास्थ्य मुक्त बिजली मुक्ति पानी मुक्त क्या
यह सुविधा अगर आम जनता किसान गरीब परिवार और बेरोजगारों को मिलती है तो वास्तव में हम सब खुशहाल हो सकते है
वही अन्नदाताओं ने अपने शब्दों में कहा कि जिला से लेकर जनपद पंचायत तक
वाटर सेट अन्नदाताओं एवं आम जनता के पानी की व्यवस्था के लिए सरकार लाखों लाख रुपए तो खर्च किया है
लेकिन वाटर सेट ग्राम पंचायत के कर्मचारी एवं इंजीनियर साहब के नाम पर चढ़ी बाली
क्योंकि सब अधूरा बना है जहां बना भी था वह बरसात में बहकर नल की तरह बन गया
वास्तव में सरकार योजनाएं तो संचालित कर रही है लेकिन योजनाओं का क्रियान्वयन ना
होने की वजह से कई योजनाएं कागज के पन्नों तक रहा सीमित
अन्नदाता एवं समाज के वरिष्ठ जनों ने अपने शब्दों में कहा
कि सरकार प्रधानमंत्री सड़क के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है
लेकिन जब प्रधानमंत्री सड़क का निर्माण होता है उसे समय प्रधानमंत्री सड़क के
प्रधानमंत्री एसडीओ एवं इंजीनियर साहब दौड़ा तो करते हैं लेकिन दौड़ा खोखला होता है
जिसके वजह से प्रधानमंत्री सड़क का निर्माण कार्य ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण किया जाता है
इसलिए प्रधानमंत्री सड़क समय के पहले ही प्रधानमंत्री सड़क गड्ढों और गिट्टी में हो जाती है तब्दील
अन्नदाताओं ने अपनी दर्द को सिंचाई विभाग की समस्या को लेकर भी अपने शब्दों में कहा कि
कई बाध अधूरे पड़े हैं लेकिन वह बाध अभी तक नहीं हुआ पूर्ण
सिंचाई विभाग के अधिकारी एवं इंजीनियर साहब से इस बारे में चर्चा करने की कोशिश की जाती है तो गोल-गोल का जवाब देते नजर आए
आज अन्नदाता अपनी दुर्दशा को लेकर आंखों में आंसू भरे हुए अन्नदाता कह रहा है
कि बिजली विभाग के अधिकारियों की मनमानी की वजह से आज अन्नदाता पानी पीने के लिए तरस रहा है
कई गांव में कई महीनो से जले ट्रांसफार्मर लेकिन बिजली विभाग के अधिकारी कागजी कोरम पूरा करने में दिख रहे माहीर
जब इस बारे में चर्चा किया जाता है तो वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर ब्लॉक तक के अधिकारी जवाब देने से पीछे हटते नजर आ रहे हैं
अब सवाल इस बात का है कि जब ग्राम पंचायत एवं गांव में ट्रांसफार्मर जल जाते हैं
तब बिजली विभाग के अधिकारी तरह के बहाने बनाकर गांवों में जले ट्रांसफार्मर को नहीं बदल रहे