दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले, आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने 'पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना' की घोषणा की है। इस योजना के तहत, दिल्ली के मंदिरों और गुरुद्वारों में सेवा करने वाले पुजारियों और ग्रंथियों को हर महीने ₹18,000 की सम्मान राशि दी जाएगी।
केजरीवाल ने इस योजना की घोषणा करते हुए कहा कि यह देश में पहली बार हो रहा है और इससे पुजारियों के प्रति समाज की उपेक्षा को दूर करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए पंजीकरण 31 दिसंबर से शुरू होगा, और वे स्वयं कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर में पंजीकरण की शुरुआत करेंगे।
इस घोषणा के बाद, विपक्षी दलों ने प्रतिक्रिया दी है। भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि यह चुनावी वादा धोखाधड़ी है, क्योंकि पिछले 10 वर्षों में केजरीवाल ने महिलाओं या पुजारियों के लिए कोई सम्मान योजना नहीं चलाई।
दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़े लगभग 250 इमाम 17 महीने से बकाया वेतन की मांग कर रहे हैं। इमामों को दिल्ली सरकार पहले से ही ₹18,000 मासिक वेतन देती है, लेकिन बकाया वेतन न मिलने के कारण उन्होंने केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन किया।
इस योजना की घोषणा के साथ, केजरीवाल ने भाजपा से अपील की कि वे इस योजना को रोकने की कोशिश न करें, जैसा कि उन्होंने महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना के साथ किया था। उन्होंने कहा कि पुजारियों और ग्रंथियों को परेशान करने से पाप लगेगा।
इस घोषणा के बाद, दिल्ली की राजनीति में हलचल मच गई है, और आगामी चुनावों में इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है।
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