देश, धर्म और सनातन संस्कृति की रक्षा हेतु महान बलिदान देने वाले गुरु श्री गोबिन्द सिंह जी महाराज के चार साहिबजादों के बलिदान दिवस 'वीर बाल दिवस' पर उन्हें शत-शत नमन!
26 दिसम्बर
*वीर बाल दिवस*
*साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह शहीदी दिवस*
वीर बाल दिवस दशम गुरु गुरु गोबिंद सिंह के बेटों (साहिबजादे) के साहस को स्मरण करने के लिए 26 दिसंबर को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने की है।
इस कार्यक्रम को 26 दिसंबर को मनाने की एक कारण यह है कि इसी दिन साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह सरहिंद (पंजाब) में छह और नौ साल की छोटी उम्र में मुगल सेना के हाथों दीवार में जिंदा चिनवा दिये गए थे। इस दिन को उनके शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता था।
साल 1704 में मुगल शासक औरंगजेब ने आनंदपुर साहिब पर कब्जा कर लिया था। ऐसे में आनंदपुर के किले में जो सिख सेना थी, उस तक राशन नहीं पहुंच पा रहा था। ऐसे में गुरु गोबिंद सिंह इस किले को छोड़कर निकल गए लेकिन मुगल उनका पीछा करने लगे। ऐसे में गुरु गोबिंद सिंह अपने बेटों जोरावर सिंह और फतेह सिंह से बिछड़ गये और जिन्हें मुगलों के सेनापति नवाब वजीर खान ने पकड़ लिया।
इसके बाद जोरावर सिंह और फतेह सिंह को सरहिंद (पंजाब) ले जाया गया और उनसे इस्लाम अपनाने के लिए कहा गया। लेकिन इन दोनों ने इस्लाम कबूल करने से मना कर दिया, जिसके बाद औरंगजेब ने उन्हें जिंदा दीवार में चुनवा दिया। जिस जगह इन साहिबजादों को जिंदा चुनवाया गया, उसे फतेहगढ़ साहिब कहते हैं। इन्हीं साहिबजादों की याद में देश में वीर बाल दिवस मनाया जा रहा है।
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