OBC अभ्यर्थियों से मेडिकल प्रवेश काउंसलिंग में 3 साल का आय प्रमाण पत्र मांगने पर आपत्ति, आयोग से स्पष्ट निर्देश जारी करने की मांग

*चिकित्सा शिक्षा अंतर्गत मेडिकल प्रवेश काऊंसलिंग के दौरान अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यार्थियों से अनावश्यक रूप से पिछले 3 वर्षो का आय प्रमाण पत्र मांगे जाने के विरूद्ध में स्पष्ट दिशा- निर्देश जारी करने हेतु अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री नेहरू निषाद से भेंट मुलाकात*

बिलासपुर (क्राइम रिपोर्टर सतीश यादव)
चिकित्सा शिक्षा अंतर्गत मेडिकल प्रवेश काऊंसलिंग के दौरान अन्य पिछड़ा वर्ग के गैर की्रमीलेयर अभ्यार्थियों से अनावश्यक रूप से पिछले 3 वर्षो का आय प्रमाण पत्र मांगे जाने के विरूद्ध शिकायत करते हेतु अखिल भारतीय कूर्मि महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. जीतेन्द्र कुमार सिंगरौल ने अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री नेहरू निषाद से भेंट कर संबंधित भ्रांति का पर स्पष्ट दिशा- निर्देश जारी करने का अनुरोध व्यक्त किए है। उन्होने भेंट के दौरान माननीय अध्यक्ष महोदय को बताया कि  कि अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों से चिकित्सा शिक्षा में प्रवेश के दौरान होने वाले काऊंसलिंग में अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र- छात्राओं से विगत 3 वर्षों का आय प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है; जो की अव्यवहारिक है। चर्चा के दौरान माननीय अध्यक्ष महोदय के संज्ञान में लाते हुए बताया गया कि चिकित्सा शिक्षा में स्नातक/ स्नातकोत्तर प्रवेश के दौरान अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों से अनावश्यक रूप से अधिकारियों द्वारा विगत 3 वर्षों का तहसीलदार द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है़; जो की उचित नहीं है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी चिकित्सा प्रवेश काउंसलिंग के दौरान अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों से 3 वर्ष का आय संबंधित दस्तावेज मांगे जाते थे, जिस पर अन्य पिछड़ा वर्ग के विभिन्न संगठन एवं संवैधानिक संस्था राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा आपत्ति दर्ज किए जाने के फलस्वरूप वर्ष 2015 से 2018 के बीच संचालनालय चिकित्सा शिक्षा से आय प्रमाण पत्र नहीं मांगे जाने के संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी किए गए थे। इसके बाबजूद अब पुनः अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों व उनके अभिभावकों से स्वास्थ्य शिक्षा प्रवेश काऊंसलिंग के दौरान पूर्ववत 3 वर्षों का आय प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है। इस प्रकार से कृत्य निश्चित रूप से अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को परेशान करते हुए उनको प्राप्त होने वाले संवैधानिक अधिकारों से वंचित किए जाने का षडयंत्र प्रतीत होता है। 

अन्य पिछड़ा वर्ग गैर की्रमीलेयर वर्ग के अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र नियमानुसार संबंधित राजस्व अधिकारियों (तहसीलदार/ अनुभागीय अधिकारी) द्वारा जारी किए जाते है। नियमानुसार जारी प्रमाण के आधार पर अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जाना है। इस संबंध में छत्तीसगढ़ शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्र. एफ 13-4/2006/आ. प्रा. / 1-3, नया रायपुर, दिनॉक 29 जून 2013 के कंडिका 6 (1) द्वारा स्पष्ट निर्देश है कि ’’ लोक नियुक्ति हेतु आरक्षित पद की पूर्ति हेतु अथवा शैक्षणिक संस्थान में अथवा संवैधानिक निकाय में रिक्त आरक्षित सीट की पूर्ति हेतु, लोक नियोजक, शैक्षणिक संस्थान अथवा संवैधानिक निकायों के द्वारा आवेदन - पत्र के साथ सक्षम आधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाण-पत्र के अलावा जाति प्रमाण-पत्र के सत्यापन अथवा प्रमाणीकरण संबंधी प्रमाण-पत्र की मॉग आवेदकों से नहीं की जावेगी।‘‘

अतः अखिल भारतीय कूर्मि महासभा आपसे उक्त प्रकरण को संज्ञान में लाकर निवेदन करते है कि समस्त होने वाले स्वास्थ्य शिक्षा प्रवेश काऊंसलिंग के दौरान अन्य पिछड़ा वर्ग के गैर की्रमीलेयर अभ्यर्थियों के आय संबंधी दस्तावेज परीक्षण के दौरान राजस्व अधिकारियों द्वारा जारी अद्यतन कंडिका 6 (1) के अनुसार ही काऊंसलिंग में दस्तावेज परीक्षण किए जाने हेतु संचालक-स्वास्थ्य सेवाएं एवं संचालक- स्कूल/ उच्च शिक्षा को पुनः स्पष्ट निर्देश जारी करने का कष्ट करें, ताकि बार- बार अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को परेशान होना न पड़े ।

Mukesh tiwari

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