"पहली नजर का प्यार: जब अस्पताल में मिली वो खास मुलाकात, जिसने मेरी जिंदगी बदल दी!" (,पार्ट 2)

"पहली नजर का प्यार: जब अस्पताल में मिली वो खास मुलाकात, जिसने मेरी जिंदगी बदल दी!"

मैं कभी प्यार में विश्वास नहीं करता था। मुझे लगता था कि ये सिर्फ फिल्मों और किताबों की बातें हैं। लेकिन मेरी सोच तब बदल गई जब मेरी जिंदगी में एक ऐसा मोड़ आया, जिसने मुझे प्यार की सच्ची ताकत का एहसास कराया।

वो पहली मुलाकात

मेरे पिताजी की तबीयत अचानक खराब हो गई थी, और मैं उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने गया था। अस्पताल का माहौल हमेशा से ही बोझिल लगता था, लेकिन उस दिन कुछ अलग था। जब मैं वेटिंग एरिया में बैठा था, तब मेरी नजर एक लड़की पर पड़ी। उसने हल्के गुलाबी रंग का सूट पहना था, बाल खुले हुए थे, और चेहरा थोड़ा परेशान था। लेकिन उसकी आँखों में एक गहरी चमक थी, जो दिल को सुकून देती थी।

वो अपनी माँ के साथ आई थी, जो भर्ती थीं। हमारे बीच कोई बातचीत नहीं हुई, बस नजरें मिलीं और एक हल्की सी मुस्कान का आदान-प्रदान हुआ। लेकिन न जाने क्यों, उसका चेहरा मेरे मन में बस गया।

किस्मत का खेल

अगले कुछ दिनों तक मैं अस्पताल में पिताजी की देखभाल में व्यस्त रहा। लेकिन हर दिन, किसी न किसी बहाने से हमारी नजरें टकरा ही जातीं। धीरे-धीरे, हमने एक-दूसरे से बातें करनी शुरू कर दीं। उसने बताया कि उसका नाम साक्षी है और उसकी माँ को एक गंभीर बीमारी थी। उसकी मजबूती और हिम्मत ने मुझे बहुत प्रभावित किया।

हम दोनों एक-दूसरे की तकलीफों को समझते थे। जब वो उदास होती, मैं उसे हंसाने की कोशिश करता, और जब मैं थक जाता, तो उसकी बातें मुझे राहत देतीं। हमने एक-दूसरे को बिना कहे ही समझना शुरू कर दिया था।

वो आखिरी दिन

साक्षी की माँ की हालत धीरे-धीरे बेहतर होने लगी और कुछ दिनों बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। जब वो अस्पताल से जा रही थी, तो मेरे दिल में एक अजीब सा खालीपन आ गया। मैंने कभी ऐसा महसूस नहीं किया था।

जाते-जाते उसने मेरी तरफ देखा और हल्के से मुस्कुराई। मैं कुछ कह नहीं पाया, लेकिन उसकी आँखों में भी वही भाव थे, जो मेरे दिल में थे।

फिर शुरू हुई एक नई कहानी

कई दिनों तक मैं बस उसी के बारे में सोचता रहा। फिर हिम्मत करके मैंने अस्पताल में उसके दिए हुए नंबर पर कॉल किया। उसने भी उसी उत्सुकता से फोन उठाया, जैसे वो मेरी ही कॉल का इंतजार कर रही थी।

उस दिन से हमारी बातचीत बढ़ती गई। अस्पताल में शुरू हुई वो छोटी-सी मुलाकात, धीरे-धीरे एक खूबसूरत रिश्ते में बदल गई।

आज, साक्षी मेरी जिंदगी का सबसे खूबसूरत हिस्सा है। कभी-कभी सोचता हूँ, अगर उस दिन मैं अस्पताल न जाता, तो शायद मेरी जिंदगी यूं बदलती ही नहीं।

"प्यार सिर्फ फिल्मी कहानियों में नहीं होता, वो कहीं भी, किसी भी मोड़ पर आपको मिल सकता है—बस आपको उसे महसूस करने की जरूरत होती है।"

Mukesh tiwari

स्वामी, प्रकाशक एवं संपादक- मुकेश तिवारी पता- हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी रामगोपाल तिवारी नगर ,बिलासपुर, छ ग मोबाइल- 9174310780 ईमेल- sunaminewsmp36@gmail.com समाचार पोर्टल Sunami Chhattisgarh.com में प्रकाशित खबरों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है . समाचार की विषय वस्तु संवाददाता के विवेक पर निर्भर है. यह एक हिंदी न्यूज़ पोर्टल है जिसमें बिलासपुर और छत्तीसगढ़ के साथ देश और दुनिया की खबरें प्रकाशित की जाती है।पोर्टल में प्रकाशित किसी भी खबर में कानूनी विवाद की स्थिति में संबंधित रिपोर्टर ही पूर्णतः उत्तरदायी है।

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