लिंगयाडिंह में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर लोगों को बेघर करना अमानवीय – त्रिलोक चंद्र श्रीवास
बिलासपुर। शहर में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर वर्षों से बसे लोगों को बेघर किया जा रहा है, जिसे लेकर कांग्रेस नेता त्रिलोक चंद्र श्रीवास ने कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि अपोलो मार्ग का चौड़ीकरण जरूरी है और इसका कोई भी विरोध नहीं कर रहा, लेकिन राजकिशोर नगर चौक लिंगयाडिंह में बसे लोगों के मकान तोड़कर उन्हें उजाड़ना गलत है। पहले 40 से 60 फीट चौड़ी सड़क बनाने की बात थी, लेकिन अब 80 फीट या उससे ज्यादा सड़क और गार्डन निर्माण के नाम पर लोगों को हटाया जा रहा है, जो कि पूरी तरह अनुचित और अमानवीय है।
त्रिलोक चंद्र श्रीवास, जो कि राष्ट्रीय समन्वयक, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी, एवं प्रदेश कांग्रेस छत्तीसगढ़ के सचिव हैं, उन्होंने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि बसंत विहार, इंदिरा विहार और राजकिशोर नगर में पहले से ही बड़े गार्डन हैं, ऐसे में यहां गार्डन की कोई आवश्यकता नहीं है। उनका आरोप है कि नगर निगम प्रशासन ने 6-7 साल पहले यहां के लोगों से पट्टा वितरण के नाम पर पैसे लिए, लेकिन बाद में वह योजना ठंडे बस्ते में डाल दी गई।
उन्होंने सवाल किया कि बिना किसी मापदंड के लोगों को बेदखल करना और उनके मकान व दुकानें तोड़ना किस हद तक उचित है? अगर सड़क चौड़ीकरण से प्रभावित होने वाले लोगों को मुआवजा देकर उचित पुनर्वास किया जाता, तो यह समझ में आता, लेकिन प्रशासन सैकड़ों परिवारों को बेघर कर रहा है, जिससे हजारों लोग प्रभावित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गर्मी के इस भीषण मौसम में लोगों के सिर से छत छीनना प्रशासन का क्रूर रवैया दर्शाता है, और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी चिंता का विषय है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह और कांग्रेस कार्यकर्ता पूरी तरह प्रभावित परिवारों के साथ खड़े हैं, जल्द ही प्रशासन को ज्ञापन सौंपा जाएगा और यदि जरूरत पड़ी तो जन आंदोलन भी किया जाएगा।
"जिसके पांव ना फटे बिवाई, वह क्या जाने पीर पराई"—इस कहावत के जरिए उन्होंने प्रशासन की संवेदनहीनता पर सवाल उठाते हुए, जल्द से जल्द न्याय दिलाने की बात कही।