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डिजिटल पत्रकारिता की एकता का प्रतीक: "मीडिया सम्मान परिवार" का उदय और संघर्ष
छत्तीसगढ़ में डिजिटल पत्रकारों के अधिकारों के लिए जीरो विरोध अभियान और परिचय सम्मेलन ने दिखाई एकता की ताकत।
"मीडिया सम्मान परिवार" एक स्वतंत्र और निष्पक्ष संगठन है, जिसकी स्थापना 5 दिसंबर 2024 को डिजिटल मीडिया और न्यूज पोर्टल्स के अधिकारों के लिए की गई। संगठन का उद्देश्य सरकारी विज्ञापन वितरण में पारदर्शिता लाना और डिजिटल पत्रकारों के हितों की रक्षा करना है।
इस संगठन की शुरुआत 12 दिसंबर 2024 को एक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से हुई। इसका पहला मुद्दा छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नए न्यूज पोर्टलों को बिना किसी मानक के हर महीने ₹40,000 से ₹50,000 तक का भुगतान था। इसके खिलाफ "मीडिया सम्मान परिवार" ने छत्तीसगढ़ संवाद के मुखिया, IAS रवि मित्तल को पत्र भेजकर समान अधिकार की मांग की।
संगठन ने "जीरो विरोध अभियान" के तहत छत्तीसगढ़ संवाद में भ्रष्टाचार उजागर किया, जिससे डिजिटल पत्रकारों में एकता बढ़ी। तीन महीनों के भीतर 200 से अधिक डिजिटल पत्रकार संगठन से जुड़े।
परिचय सम्मेलन:
25 फरवरी 2025 को बिलासपुर के भरनी-परसदा में "मीडिया सम्मान परिवार" ने पहला परिचय सम्मेलन आयोजित किया। इस आयोजन में 100 से अधिक सोशल मीडिया संचालकों और संपादकों ने भाग लिया।
विधानसभा में आवाज:
परिचय सम्मेलन का असर छत्तीसगढ़ विधानसभा में भी दिखा, जब पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने डिजिटल मीडिया के हक और छत्तीसगढ़ संवाद में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया। इसके लिए "मीडिया सम्मान परिवार" ने विधायक भावना बोहरा को धन्यवाद पत्र भी भेजा।
भविष्य की योजना:
सरकारी विज्ञापन नीति में सुधार की मांग
छत्तीसगढ़ संवाद में अनियमितताओं की जांच
डिजिटल पत्रकारों के लिए वित्तीय सहायता योजना
राज्यभर में संगठन का विस्तार
"मीडिया सम्मान परिवार" ने साबित कर दिया कि डिजिटल पत्रकारिता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अब यह संगठन न्याय और पारदर्शिता के संघर्ष का प्रतीक बन चुका है।