Sunami News / Mukesh tiwari //
पड़ोसियों पर भाजपा नेत्री का सनसनीखेज आरोप: “मानसिक प्रताड़ना और बेटियों को निशाना बनाने की रची साजिश”
स्थान: बिलासपुर | कॉलोनी: अरिहंत हाइट्स | विषय: सामाजिक उत्पीड़न, निजता हनन और सुरक्षा का सवाल
बिलासपुर की जानी-मानी आवासीय कॉलोनी अरिहंत हाइट्स इन दिनों एक गंभीर विवाद का केंद्र बनी हुई है। यहां निवासरत भाजपा नेत्री स्मृति जैन ने अपने पड़ोसियों पर मानसिक प्रताड़ना, सामाजिक बदनामी और बेटियों को निशाना बनाए जाने जैसे संगीन आरोप लगाए हैं।
यह प्रकरण केवल एक महिला की सुरक्षा का नहीं, बल्कि उस सामाजिक ताने-बाने पर भी सवाल खड़े करता है जिसमें महिलाओं और बच्चों की गरिमा को ताक पर रख कर राजनीतिक और निजी प्रतिशोध की लड़ाई लड़ी जा रही है।
---
क्या हैं आरोप?
स्मृति जैन का आरोप है कि पड़ोसी विजय जैन, दीप जोशी, आदित्य राठौर, आशीष अग्रवाल, महेंद्र सिंह, मीनल जैन और धरा जोशी मिलकर उनके खिलाफ संगठित तरीके से झूठी शिकायतें दर्ज करा रहे हैं और मानसिक प्रताड़ना दे रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि उन्हें जानबूझकर राजनीतिक रूप से बदनाम करने की साजिश रची जा रही है, क्योंकि वे भाजपा से जुड़ी हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग अपने आपको "स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का परिवार" बताते हुए इस पूरे षड्यंत्र को नैतिक वैधता देने का प्रयास कर रहे हैं।
---
बेटियों को बनाया जा रहा है निशाना
इस प्रकरण की सबसे संवेदनशील कड़ी स्मृति जैन की बेटियां हैं। उनका कहना है कि बड़ी बेटी की एक्टिवा स्कूटी के साथ बार-बार छेड़छाड़ की जाती है—कभी चाबी गायब कर दी जाती है, कभी सीट काट दी जाती है।
लेकिन सबसे खतरनाक आरोप छोटी बेटी को लेकर है—नहाने के दौरान उसका वीडियो बनाने की कोशिश की गई, जिससे पूरा परिवार दहशत में है।
---
सोशल मीडिया पर झूठी कहानियां और बदनाम करने की मुहिम
स्मृति जैन ने बताया कि कॉलोनी के सुरक्षा गार्ड की रिकॉर्डिंग में स्पष्ट रूप से यह सामने आता है कि उन्होंने कोई अनुचित व्यवहार नहीं किया, फिर भी उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर झूठी बातें फैलाई जा रही हैं।
एक वायरल वीडियो में कुछ आरोपी माइक लेकर उनके खिलाफ सार्वजनिक रूप से बयानबाज़ी करते हुए देखे गए हैं, जिससे उनकी सामाजिक छवि को गहरा आघात पहुँचा है।
---
न्याय की गुहार और सुरक्षा की मांग
उन्होंने जिला पुलिस अधीक्षक से मिलकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है।
---
राजनीतिक मोड़ और विरोधी प्रतिक्रिया
इस मामले ने तब राजनीतिक रंग ले लिया जब भाजपा से जुड़ी एक दूसरी नेत्री ने मीडिया में बयान देते हुए स्मृति जैन के आरोपों को आधारहीन बताया और कहा कि यह सब एक "छवि खराब करने की सोची-समझी रणनीति" है।
---
सोचने का समय है...
यह प्रकरण केवल एक कॉलोनी का विवाद नहीं है। यह बताता है कि कैसे राजनीतिक टकराव, व्यक्तिगत ईर्ष्या और सोशल मीडिया की शक्ति मिलकर किसी की जिंदगी को प्रभावित कर सकती है।
समाज, प्रशासन और मीडिया—तीनों की जिम्मेदारी बनती है कि वे इस प्रकार की घटनाओं की निष्पक्ष जांच करें और न्याय दिलाने में सक्रिय भूमिका निभाएं।
---
क्या आपने भी कभी कॉलोनी या समाज में ऐसा व्यवहार महसूस किया है? अपनी बात नीचे कमेंट में जरूर साझा करें। आपकी आवाज़, बदलाव की शुरुआत बन सकती है।
Tags
क्राइम