jammu Kashmir Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए कानपुर निवासी शुभम द्विवेदी की पत्नी एशान्या ने गुरुवार (1 मई, 2025) को एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में कहा कि अब मत कहो कि हिंदू-मुसलमान एक हो जाओ.
मृतक शुभम द्विवेदी की पत्नी एशान्या ने कहा कि एक दो आतंकियों के घर जलाकर कुछ नहीं होगा. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि ये आतंकी है ये कहां रहते हैं कहां से आते हैं, ये जरूरी नहीं कि ये पाकिस्तान के हों. उन्होंने कहा कि पहलगाम से पाकिस्तान का बॉर्डर करीब 400 किमी दूर है. ये लोकल रहे होंगे. बैसरन में इतने लोग होने के बाद भी आतंकी कैसे भाग गए?
'आतंकियों को भी उनके परिवार के सामने गोली मार देनी चाहिए'
उन्होंने आगे कहा कि आतंकियों को ढूंढकर तुरंत वहीं मार देना चाहिए, बिना कोई सवाल किए हुए.
ये हमारा बदला होगा. हम यही चाहते हैं. एक दो घर जलाने से कुछ नहीं होगा. इन्हें भी उसी तरह उनके परिवार के सामने गोली मार देनी चाहिए, जैसा इन आतंकियों ने हमारे साथ किया. बैसरन में जितनी महिलाओं ने अपने सामने अपने पति को मरते देखा है. वो सब अंदर से टूट गई हैं. उनके अंदर कुछ नहीं बचा है.
'उन्होंने हिंदू पूछकर मारा है तो ये हिंदुओं से ही जुड़ा है'
पहलगाम आतंकी हमले को लेकर रिपोर्टर के सवाल हिंदू-मुस्लिम एकता बनी रहनी चाहिए को लेकर उन्होंने कहा कि जब आतंकियों ने धर्म पूछकर मारा है तो फिर ये तो साफ-साफ धर्म से ही जुड़ा मामला है. जब उन्होंने हिंदू पूछकर मारा है तो ये हिंदुओं से ही जुड़ा है. हम कैसे कह सकते हैं कि हिंदू-मुसलमान एक हो जाओ, हालांकि मैं इन सबमें नहीं पड़ना चाहती.
हम मुसलमान होते तो हम भी आराम से बच जाते'
उन्होंने आगे कहा कि हिंदू-मुस्लिम एक हो जाओ जैसी बातों पर ये सीधा तमाचा है क्योंकि आतंकियों ने हिंदू पूछकर ही मारा है. उन्होंने मुसलमानों को अलग कर दिया था, तभी वो अपने घर आराम से पहुंच पाए. हम मुसलमान होते तो हम भी आराम से बच जाते.
एशान्या ने कहा कि मेरे पति शुभम भी हिंदू-मुसलमान जैसी चीजों पर विश्वास नहीं करते थे, मेरे खुद के कई छात्र मुसलमान रहे हैं. हमारे लिए सिर्फ भारतीय होना जरूरी था हम लोगों ने कभी धर्म को लेकर कोई भेदभाव नहीं किया.