छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को हराने में छत्तीसगढ़ की अफसरशाही की बड़ी भूमिका है !
चुनाव से लगभग डेढ़ /दो साल पहले से ही भूपेश बघेल ने सत्ता की एंटी कांबेसी की टोह लेना, और एंटी कोमबेसी को कम करने के उद्देश्य से गांव गांव में भेट मुलाकात कार्यक्रमों की शुरुआत कर दी थी, लेकिन इन भेट मुलाकात कार्यक्रमों में प्रदेश की अफसरशाही ने उन फर्जी हितग्राहियों को भूपेश बघेल के सामने खड़ा कर फर्जी वाही वाही लुटवाने का काम किया जो असल हकीकत से कोसो दूर था,
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रायपुर में सौम्या चौरसिया जैसी आईएएस अफसर सहित ED की कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से अभी भी पूछताछ जारी है, जनता में यह विश्वास पैदा किया कि सत्ता का अफसरशाही सहित जुर्म का गठजोड़ वाली सरकार है, रही सही कसर, पुलिस और राजस्व विभाग ने पूरी कर दी थी, रायगढ़,बिलासपुर की तहसीलों में आए दिन जमकर विवाद, प्रदेश के पटवारी बेलगाम,
कुछ पटवारियों की वजह से लोगो ने आत्महत्या तक की,फिर भी भूपेश बघेल और राजस्व मंत्री के कानो पर जूं तक नहीं रेंगी ?
यह सही भी है कि जब अधिकारी/अफसरशाही और सता का जुर्म की दुनिया में गठजोड़ हो जाए तो फिर आम आदमी की तमाम अपेक्षाएं खत्म हो जाती है ?
भूपेश बघेल ने करोड़ो रू बांटकर भले ही कुछ मिडिया घरानों को अपने पक्ष में कर लिया हो?लेकिन छत्तीसगढ़ में लगभग 250 पत्रकारों पर FIR सहित सुनील नामदेव जैसे जाबांज पत्रकार को फर्जी झूठे मामले में जेल भेजना, कही न कही मिडिया को आक्रोशित किया ?
मिडिया पर इस क्रूरता की कार्यवाही से भले ही मिडिया ने भूपेश की सत्ता के खिलाफ खुलकर न लिखा हो?लेकिन पक्ष में भी नही लिखा !
प्रदेश में भय का वातावरण, लव जिहाद सहित गैर हिंदुओ को यहां तक की पाकिस्तानी संस्था तक को छत्तीसगढ़ में सैंकड़ों एकड़ सरकारी जमीन का आवंटन, और कवर्धा सहित बीरनपुर जैसी घटनाओं ने प्रदेश के हिंदुओ को भूपेश की सता के खिलाफ एकजुट किया !
भूपेश की सता में घुस के अनाप शनाप रेट, अफसरशाही सहित अनेक प्रकार के माफिया बेलगाम !
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी की सरकार के पतन के मुख्य कारण है !
अफसरशाही की बेलगामी का आलम यह है कि बिलासपुर नगर निगम में हजारों नियमितीकरण के आवेदन धूल खा रहे है,
स्थाई पट्टे की भूमि /आवास को मात्र 2% शुल्क देकर फ्री होल्ड कराने के हजारों आवेदन धूल खा रहे है ! भूपेश सरकार की विदाई में पुलिस,राजस्व,बेलगाम माफिया,अफसरशाही की अहम भूमिका रही है ? कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि भूपेश बघेल ने सत्ता का संचालन कुछ इस तरह किया कि क्या पता ये मौका दुबारा मिले या न मिले ? भूपेश बघेल के ढाई साल के बाद भी सीएम बने रहने का मुख्य कारण गांधी परिवार को अथाह/असीमित फंडिंग ! उतनी फंडिंग टी एस बाबा करने की गारंटी लिए नही तो सीएम बने नही ?
सरकार कोई भी हो?नेता कोई भी हो?जब किसी सरकार पर अफसरशाही हावी हो जाए, बेलगाम हो जाए तो उस सरकार का पतन निश्चित है ?
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क्या बदलेगा कुछ?
शायद, चेहरे भर ?
बदलाव की अपेक्षा से छत्तीसगढ़ की जनता ने बदली है सरकार ?