विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस के भीतर मचा अंतर्कलह थमने का नाम नहीं ले रहा है। हार के बाद संगठन के बड़े नेताओं पर लगातार टिप्पणी कर रहे पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह और डा. विनय जायसवाल को गुरुवार को छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। इसके साथ ही बयानबाजी करने पर पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को भी नोटिस जारी कर तीन दिनों के भीतर उत्तर मांगा गया है।
बता दें कि कांग्रेस के पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह ने हार के बाद प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा और तात्कालीन उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव पर गंभीर आरोप लगाए थे। वहीं, विनय जायसवाल ने प्रदेश प्रभारी सचिव चंदन यादव पर टिकट दिलाने के लिए दो किस्तों में सात लाख रुपये लेने का आरोप लगाया था।
जयसिंह अग्रवाल ने कहा था कि चुनाव में एकजुटता नहीं थी। इस बार का चुनाव सेंट्रलाइज था। पिछले चुनाव में जो जनादेश मिला था, सरकार उसकी कदर नहीं कर पाई। एक ताकत सेंट्रलाइज होकर कुछ लोगों के साथ सरकार चलाती रही। मंत्रियों का जो जिले में प्रभाव होता है, उसे बाधित किया गया। जयसिंह अग्रवाल ने संगठन के सर्वे पर भी सवाल उठाए थे।