अंतिम सांस तक टूटने नहीं दूंगा यह रिश्ता
मंदिर के पिछले हिस्से में बने परिसर में संबोधित करते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि मामा का रिश्ता प्यार का और भाई का रिश्ता विश्वास का है। वे इन दोनों रिश्तों को अंतिम सांस तक टूटने नहीं देंगे। आज मुख्यमंत्री भले ही नहीं हूं, लेकिन महिलाओं के लिए लखपति बहना का जो सपना बुना है, उसे पूरा करूंगा। इसके लिए दिमाग में पूरी कार्ययोजना तैयार है। अब तक सामने रहकर कार्य करता था, अब सरकार के पीछे रहकर कार्य करता रहूंगा। महात्मा गांधी ने भी तो बिना किसी पद पर रहते ही काम किया।
खेत में की बोवनी
शिवराज का कृषि प्रेम किसी से छिपा नहीं है। वे जब भी निमखिरिया स्थित अपने खेत पर पहुंचते तो एक किसान बन जाते हैं। गुरुवार दोपहर जब वे यहां पहुंचे तो कर्मचारियों से बात की और करीब एक बीघा खेत में उन्होंने ट्रैक्टर चलाकर चना की बोवनी की। बता दें कि शिवराज सिंह चौहान विदिशा संसदीय क्षेत्र से पांच बार लोकसभा के सदस्य रहे हैं। इस नाते यहां से उनका विशेष लगाव है।
शिवराज सिंह बुधवार तक प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री थे। मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी दिनचर्या अति व्यस्त रहती थी। कुर्सी छोड़ने के बाद वह कुछ निराले अंदाज में दिखे। हालांकि, कुछ काम रोज की तरह ही किया। प्रतिदिन की भांति वे सुबह पांच बजे उठे और एक घंटे योग और ध्यान किया। उन्होंने प्रतिदिन की तरह पौधारोपण भी किया।