Loksabha Election 2024: कई सांसदों को घर बैठाएगी भाजपा,
विधानसभा चुनाव की तरह भाजपा लोकसभा चुनाव में भी चौकाने वाले फैसले ले सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि इस बार राज्यसभा सांसदों सहित विधायक बने कुछ नेता आम चुनाव के मैदान में बतौर प्रत्याशी दिखाई दे सकते हैं। केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी लोकसभा लड़ सकते हैं। कहा जा रहा है कि पार्टी प्रदेश में 30 प्रतिशत से ज्यादा अपने प्रत्याशियों को बदल सकती है। इनमें से अधिकांश वे लोकसभा क्षेत्र है, जहां पर विधानसभा चुनाव में भाजपा को अपेक्षित परिणाम नहीं आए हैं और सर्वे में मौजूदा सांसद की स्थिति बेहतर नहीं बताई जा रही है।
सूत्रों की मानें तो भाजपा का शीर्ष नेतृत्व केंद्रीय मंत्रों ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित 5 राज्यसभा सांसद को लोकसभा चुनाव लड़वा सकता है। इनमें से अजय प्रताप सिंह, कैलाश सोनी का कार्यकाल अप्रैल 2024 को समाप्त हो रहा है। ऐसे में देश की नई सरकार बनने के तत्काल बाद मध्यप्रदेश की इन सीटों के लिए चुनाव प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाएगी। इनके अलावा सांसद कविता पाटीदार भी लोकसभा चुनाव लड़ सकती है।
कहा जा रहा है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व मध्यपदेश के अपने ऐसे नेताओं राज्यसभा भेज सकती है, जिन्हें विधानसभा चुनाव में महत्व नहीं मिला है या वे किसी दूसरे कारणों से उपेक्षित रहे है। इसी तरह पाटी जिनका कार्यकाल अप्रैल में दम हो रहा है, उन्हें और कुछ अन्य राज्यसभा सांसदों को लोकसभा तुनाव लड़ाकर उनके स्थान पर नाराज नेताओं को मैदान में उतारा जा सकता है। दरअसल विधानसभा चुनाव के पीणाम के बाद भाजपा राज्यसभा के लिए कांग्रेस से काफी मजबूत हो गई है। अब उसके चार सदस्य आसानी से आ सकते है, जबकि कांग्रेस को एक सीट मिल पाएगी।
ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना-शिवपुरी या ग्वालियर से, अजय प्रताप सिंह सीधी से (यह सीट रीति पाठक के विधायक बनने के बाद रिक्त है) कैलाश सोनी नरसिंहपुर सहित पूरे महाकौशल क्षेत्र में खासी पकड़ स्वते है। सोनी को या तो नर्मदापुरम सीट से मैदान में उतारा जा सकता है या फिर वे जबलपुर संसदीय सीट से उम्मीदवार हो सकते है। ये दोनों सीट रिक्त हैं और यहां से चुने गए राव उदय प्रताप सिंह और राकेश सिंह प्रदेश सरकार में मंत्री है, जिन्होंने विधायक बनने के बाद अपने संसद सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसी तरह मालाव निमाड़ क्षेत्र से आने वाली किसी संसदीय सीट से कविता पाटीदार को मैदान में उतारा जा सकता है।
भाजपा अपनी उन सात सीटों पर विशेष ध्यान दे रही है, जहां के सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़वाया गया है। इनमें पांच पर भाजपा को जीत मिली है, जबकि केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और सतना सांसद गणेश सिह चुनाव हार चुके है। ऐसे में पाटी दोनों हारी हुई सभी सात सीटों पर नए उम्मीदवार मैदान में उतार सकती है।
बीजेपी गणित लगाने में जुटी सतना संसदीय सीट वर्ग के प्रभाव वाला क्षेत्र है, जबकि मंडला आदिवासी वर्ग बाहुल्य है। इन दोनों सीटों पर विधानसभा चुनाव में सांसदों को हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में पाटी के अंदर एक सवाल उठ रहा है क्या इन विधानसभा हारने वाले सांसदों को मैदान में उतारा जाएगा? अगर मौका दिया जाता है तो जनता के बीच क्या संदेश जाएगा। ऐसे में सतना में ओबीसी वर्ग और मंडला में आदिवासी वर्ग से जुड़े कार्यकर्ताओं की क्षमता का पार्टी आंकलन कर रही है।