मौत का तालाब, स्थानीय लोगो का जीना हुआ दूभर ,,इंसान तो इंसान पशु और पक्षी भी नही जाते जहरीले तालाब के किनारे,,

मौत का तालाब, स्थानीय लोगो का जीना हुआ दूभर ,,

इंसान तो इंसान पशु और पक्षी भी नही जाते जहरीले तालाब के किनारे,, 

शराब बनाने वाली फैक्ट्री  का कारनामा ,, पर्यावरण विभाग क्यों बना मौन ,,

जल प्रदूषण,वायु प्रदूषण, कचरा, और प्राकृतिक पर्यावरण के प्रदूषण का है चुनौतियाँ ,,

बिलासपुर जिले के कोटा ब्लाक के छेरकाबाँधा में शराब बनाने वाली वेलकम डिस्टलरी फैक्ट्री के जहरीले पानी के बदबू से स्थानीय लोग परेशान है । वही जहरीला तालाब लोगो के मौत को खुला आमंत्रण दे रहा है। इस तालाब में एक बार गलती से भी कोई गिर जाय तो उसका बचाना मुस्कील है। बिलासपुर से 40 किलोमीटर दूर कोटा ब्लाक के छेरकाबाँधा ग्राम पंचायत हरियाली के नाम से कभी जाना जाता था। यहा वन विभाग का एक तालाब है जो कई एकड़ में फैला हुआ है। प्रदूषित जल से तालाब का पानी जहरीला होता जा रहा है। इंडस्ट्री का दूषित जल नाला के माध्यम से तालाब में प्रवाहित हो रहा है।
तालाब के जहरीला पानी ने पेड़-पौधों को भी निगल चुका है  साथ ही गंभीर बीमारियों के साथ साथ बेहिसाब पनपते मच्छरों की पनाहगाह बन गया है और दावत दे रहा, डेंगू चिकनगुनिया जैसी तमाम गंभीर बीमारियों को। इस तालाब के बदबू से स्थानीय लोग परेशान है। जहरीले तालाब के पास पशु पक्षी भी नही जाते है। स्थानीय लोगो का कहना है कि इस मौत के  तालाब में कई पशु मौत के गाल में समा चुके है। जी हां शराब बनाने वाली वेलकम डिस्टलरी फैक्ट्री की केमिकल युक्त जहरीला पानी उस तालाब में जाकर जमा होता है। पर्यावरण विभाग के अधिकारी अपने बचाव के लिए कभी छोटा मोटा फाइन लगा कर खाना पूर्ति का काम कर लेते है। स्थानीय लोगो का यह भी कहना है कि केमिकल युक्त जहरीले पानी से पर्यावरण को भरी नुकसान हो रहा है। 
                                                 
स्थानीय लोगो का यह भी कहना है इस पूरे मामले में पर्यावरण विभाग के साथ साथ शासन प्रशासन की शराब फैक्ट्री के साथ मिली भगत है। इसकी जांच होनी चाहिए और जो भी दोषी है उन पर कार्यवाही होनी चाहिए। वैसे वेलकम डीस्लरी के खिलाफ विधानसभा में भी मामला उठ चुका है। इसके बावजूद पर्यावरण विभाग के अधिकारियों के कान में जूं नहीं रेंग रहा है। पर्यावरण विभाग के अधिकारी भ्रष्टाचार की नई इबारत लिखने में लगे हैं। तमाम शिकायतों के बावजूद दोषियों पर करवाही नही हो रहा है। वैसे एक कहावत है, बाप न बड़ा भैया, सबसे बड़ा रुपैया जो पर्यावरण विभाग के अधिकारियों पर सटीक बैठता है।
पढ़ते रहिए पर्यावरण विभाग के भ्रष्टाचार का दास्तान,,, जल्द करेंगे एक और भ्रष्टाचार का खुलासा,,

Mukesh tiwari

स्वामी, प्रकाशक एवं संपादक- मुकेश तिवारी पता- हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी रामगोपाल तिवारी नगर ,बिलासपुर, छ ग मोबाइल- 9174310780 ईमेल- sunaminewsmp36@gmail.com समाचार पोर्टल Sunami Chhattisgarh.com में प्रकाशित खबरों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है . समाचार की विषय वस्तु संवाददाता के विवेक पर निर्भर है. यह एक हिंदी न्यूज़ पोर्टल है जिसमें बिलासपुर और छत्तीसगढ़ के साथ देश और दुनिया की खबरें प्रकाशित की जाती है।पोर्टल में प्रकाशित किसी भी खबर में कानूनी विवाद की स्थिति में संबंधित रिपोर्टर ही पूर्णतः उत्तरदायी है।

1 टिप्पणियाँ

Hi

  1. सभी प्राणियों क़ी आवाज़ उठाने के लिए आपको 💚धन्यवाद ईस्वर आपको हमेसा सक्षम बनाए रहे 👍🌹🙏🙏🙏🙏

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