छत्तीसगढ़ में रंगों की धूम: कुछ गांवों में 7 दिन तक खेली जाती है होली!
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में होली का त्योहार सिर्फ एक दिन का नहीं, बल्कि कई जगहों पर यह हफ्ते भर तक धूमधाम से मनाया जाता है। खासकर दुर्ग जिले के नवागांव (बोरसी) जैसे गांवों में होली सात दिनों तक मनाने की परंपरा है।
कैसे मनाई जाती है 7 दिन की होली?
होली का यह अनोखा उत्सव होलिका दहन से शुरू होता है। अगले दिन रंगों की होली खेली जाती है, जिसमें गांव के लोग एक-दूसरे को रंग और गुलाल लगाते हैं। इसके बाद के दिनों में पारंपरिक नृत्य, गीत-संगीत और मेलों का आयोजन किया जाता है।
होली का सामाजिक महत्व
छत्तीसगढ़ के इन गांवों में होली सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने का एक जरिया भी है। गांव के लोग आपसी मतभेद भुलाकर एक साथ इस पर्व का आनंद लेते हैं।
विशेष आकर्षण
- फगुआ गीत और राऊत नृत्य
- विशेष पकवान: गुजिया, ठंडाई और पूरनपोली
- लोक खेल और पारंपरिक मेलों का आयोजन
सुरक्षा और परंपरा का ध्यान
बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। ग्रामीण भी परंपरागत तरीकों से होली मनाने पर जोर दे रहे हैं, जिससे त्योहार की गरिमा बनी रहे।
छत्तीसगढ़ की यह अनोखी होली हर साल हजारों लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यदि आप भी इस खास होली का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो अगले साल इसे देखने जरूर आएं!