मऊगंज जिले की पंचायतों में भ्रष्टाचार का सवाल, जनता ने उठाई आवाज
मऊगंज: जिले की ग्राम पंचायतों में पंच परमेश्वर योजना के तहत मिलने वाली राशि के सही उपयोग को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय जनता का आरोप है कि पंचायतों में विकास कार्यों के बजाय सिर्फ कागजी खानापूर्ति की जा रही है। पंचायत भवनों की हालत जर्जर हो चुकी है और प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा।
पंचायतों में राशि के दुरुपयोग का आरोप
ग्राम पंचायतों में सरकारी फंड का सही तरीके से उपयोग न होने की शिकायतें सामने आई हैं। ग्रामीणों के अनुसार, पंचायत सचिव और संबंधित अधिकारी फंड का उपयोग केवल कागजों में दिखाकर वास्तविक कार्यों से बच रहे हैं। कई पंचायत भवनों की स्थिति बदतर हो गई है, लेकिन मरम्मत कार्य के लिए कोई पहल नहीं की जा रही।
शिकायतें बनीं कागजी कार्यवाही तक सीमित
गांव की जनता ने इस मुद्दे को लेकर कई बार कलेक्टर और जिला प्रशासन से शिकायतें की हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की शिकायतें सिर्फ फाइलों में दबकर रह गई हैं, जिससे ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
प्रशासन कब लेगा संज्ञान?
जनता का सवाल है कि जब पंचायतों को सरकार द्वारा विकास कार्यों के लिए राशि दी जाती है, तो उसका सही उपयोग क्यों नहीं हो रहा? क्या प्रशासन इस मामले की गंभीरता को समझते हुए कोई ठोस कदम उठाएगा, या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह कागजी कार्यवाही में ही सिमट कर रह जाएगा?
अगर पंचायतों की गहन जांच की जाए तो कई बड़े खुलासे हो सकते हैं, जो पंचायत प्रशासन में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकते हैं।