तालिबान के अफगानिस्तान में कब्जे के बाद से सरेआम सजा देने का चलन वापस लौटा है. इससे पहले 24 नवंबर को तालिबान ने फुटबॉल स्टेडियम में हजारों की भीड़ के सामने 12 लोगों को नैतिक अपराधों का आरोपी बताकर पीटा था. इन 12 लोगों में 3 महिलाएं भी शामिल थी. तालिबानी अधिकारी के मुताबिक इन लोगों पर चोरी, एडल्टरी और गे सेक्स के आरोप लगे थे.
विदेश । अफगानिस्तान में तालिबान की क्रूरता लगातार बढ़ती जा रही है. तालिबान के कब्जे के बाद से सरेआम सजा देने का चलन वापस लौटा है. रोजाना ऐसे दर्दनाक वीडियो सामने आ रहे हैं जिसमें महिलाओं पर अत्याचार होता दिख रहा है. ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि तालिबान के सदस्य सरेआम महिलाओं पर कोड़े बरसा रहे हैं. तालिबान के शरिया लॉ के मुताबिक, किसी भी महिला को अकेले बाहर निकलने और शॉपिंग करने की सख्त मनाही है. कहा जा रहा है कि जिन महिलाओं को पीटा जा रहा है वो कथित तौर पर बिना पुरुष के अकेले मार्केट निकली थीं.
बता दें कि तालिबान ने बीते साल 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था. उसके पहले अमेरिका और नाटो देशों के सैनिकों ने अफगानिस्तान छोड़ दिया था. इस दौरान कई बार मनावाधिकार कार्यकर्ताओं ने यूएन से महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा को लेकर अपील की है. इसी कड़ी में यूएन की टीम के एक्सपर्ट ने माना है कि तालिबान जो महिलाओं के साथ कर रहा है वो मानवता के खिलाफ अपराध है.
इस तरह से सार्वजनिक जगहों पर सजा देने का प्रचलन तालिबान के सुप्रीम लीडर हिबतुल्लाह अखुंदजादा के आदेशों के बाद शुरू हुआ है. ये सारी सजाएं शरिया कानून के मुताबिक दी जा रही हैं. पिछले हफ्ते अफगानिस्तान के तखार प्रांत से ऐसा ही मामला सामने आया था. इसमें 19 लोगों को सजा दी गई थी. नुरिस्तान प्रांत में एक महिला को म्यूजिक सुनने के आरोप में पीटा गया था.