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कमिश्नर के सख्त निर्देश डॉक्टर अपनी माँगों के साथ रोगियों के उपचार के नैतिक दायित्व को भी निभाए
रीवा 03 मई 2023. सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों के निराकरण में रूचि न दिखाने पर कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने 17 वरिष्ठ बैंक अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस दिया है।
जारी नोटिस के अनुसार अग्रणी बैंक प्रबंधक के पास सीएम हेल्पलाइन की 846 शिकायतें लंबित हैं।
इनमें से अधिकतर सामान्य बैंकिंग प्रणाली में होने वाली असुविधाओं तथा बैंक अधिकारियों द्वारा आमजनों से उचित व्यवहार न किए जाने से संबंधित हैं।
शासन की विभिन्न योजनाओं के ऋण प्रकरणों से भी जुड़ी कई शिकायतें हैं। बैंक अधिकारी शिकायतकर्ता की परेशानी दूर करने तथा शिकायतों को संतुष्टिपूर्वक निराकृत करने का प्रयास नहीं कर रहे हैं
जिसके कारण सीएम हेल्पलाइन की ग्रेडिंग में वित्त विभाग की स्थिति और जिले की स्थिति में विपरीत असर पड़ रहा है। इसलिए तीन दिन की समय-सीमा में लंबित प्रकरणों का निराकरण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। समय-सीमा में संतोषजनक उत्तर
जारी अलग-अलग नोटिस के अनुसार अन्य बैंक अधिकारियों तथा शाखा प्रबंधकों के पास भी इसी तरह के
सीएम हेल्पलाइन के प्रकरण लंबित हैं जिसके कारण कलेक्टर द्वारा कारण बताओ नोटिस दिया गया है। कलेक्टर ने अग्रणी बैंक प्रबंधक संजय निगम, क्षेत्रीय प्रबंधक यूको बैंक हार्दिक शर्मा, सर्किल हेड पंजाब नेशनल बैंक मुकुल अग्रवाल, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के दिलीप कुमार मिश्रा, क्षेत्रीय प्रबंधक बैंक ऑफ बड़ौदा रूप नारायण सिंह तथा बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंधक राकेश रंजन को नोटिस दिया है। कलेक्टर ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र के क्षेत्रीय प्रबंधक ओंकार कुमार, मध्यांचल ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधकपद्म कुमार जैन, आईसीआईसीआई बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक पीयूष अरोड़ा, एचडीएफसी बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक धनंजय मिश्रा, आईडीबीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक मुकेश अग्रवाल तथा एक्सिस बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक नितिन कुमार अग्रवाल को भी नोटिस दिया है। कलेक्टर ने केनरा बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक जीसी सरकार, आईडीएफसी बैंक के स्टेट हेड शाहिद शेख, इंडसइंड बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक करन ढकेता, कोटक महिंद्रा बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक विवेक बैसल तथा इंडियन ओवरसीज बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक शंकरनंद झा को नोटिस दिया है
मऊगंज नगर के वार्ड 08 आंधी में उड़ी सीमेंट सीट की छत प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए हितग्राही रंजना मिश्रा को किश्त का है इंतजार जिनके लिए अब रहना दूभर हो गया है।
इसके चलते घर मे रखी सामग्री जिसमे उनके पति की दबाईयां छतिग्रस्त हो गई हैं। परिवार के लोग छत विहीन घर के चलते बेघर हो गये।
यदि इस परिवार को प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति राशि मिल गई होती तो इस तरह की मुसीबत का सामना नहीं करना पड़ता।
रीवा जिला के मऊगंज सबसे बड़ी मुख्यालय है और मऊगंज जनपद पंचायत के अंतर्गत पंचायतो मे कुछ उपयंत्री सुर्खियों में रहते हैं
और पंचायतों में कागजी घोड़ा दौड़ा ने में दिख रहे माहीर पंचायतों में एवं गांवों में काम कहीं नहीं दिखता
परंतु योजनाओं को कागज के पन्नों में पंचायतों में दिखा दिया जाता है एवं वेंडरों के माध्यम से योजना की राशि का भुगतान हो जाता है
यह एक सबसे बड़ा सवाल है कि बेन्डारो के पास ना लोहा ना सीमेंट ना गिट्टी ना बालू ना कोई सामान
इसके बाद भी बड़े-बड़े बेन्डर बनकर पंचायतों का विकास केवल कागज के पन्नों में दिखाई देता है आम जनता मार रही गुहार
उपयंत्री सोभनाथ साकेत के द्वारा ग्राम पंचायत बरहटा में भी पूर्व सरपंच के साथ मिलकर बिना निर्माण कार्य के टीएस कराकर विभिन्न योजनाओं की राशि डकारी जा चुकी है,अगर इस उपयंत्री के द्वारा ग्राम पंचायत बरहटा में किए गए भ्रष्ट्राचार की सही तरीके से जांच कराई जाय तो करोड़ों का घोटाला खुलकर सामने आ जाएगा।
नगर परिषद मऊगंज एक बार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर एक बार फिर विपक्ष के निशाने पर है। मामला है विगत दिनों निकाय में ट्रैक्टर खरीदी का जिसमें भाजपा पार्षदों ने अध्यक्ष पर स्वयं के हित लाभ कमीशन के लिए नियम विरुद्ध तरीके से बिना निविदा कोटेशन की खरीदी कर निकाय को छति आरोप लगाते हुए निकाय हित मे भुगतान पर रोंक की मांग किया है।*
आपको बता दें कि नगर परिषद मऊगंज में खरीद फरोख्त व निर्माण कार्यों में हो रहे घपलों घोटालों को लेकर चर्चा में है। जिंसकी जांच एवं शिकायतों पर पर्दा डालने का चंल रहे कार्य से भाजपा पार्षद अपनी ही सरकार में ठगा महसूस कर रहे हैं।
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