देवों के देव महादेव की नगरी देवतालाब सीट पर भाजपा- बसपा की टक्कर में कांग्रेस की हालत पतली,,,/Deotalab Vidhan Sabha Seat:-
2018 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो यहां पर 23 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला था, लेकिन यहां पर मुख्य मुकाबला त्रिकोणीय रहा. बीजेपी के गिरीश गौतम को 45,043 वोट मिले जबकि बहुजन समाज पार्टी की सीमा जयवीर सिंह सेंगर के खाते में 43,963 वोट आए. कांग्रेस यहां पर तीसरे नंबर पर रही.
देवतालाब विधानसभा सीट पर मुकाबला हमेशा ही दिलचस्प होता आया है. इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी भी कई बार चुनाव जीत चुकी है, लेकिन 35 सालों से इस सीट पर कांग्रेस को जीत नसीब नहीं हुई और यह सीट उसके लिए किसी वनवास से कम नहीं है. इस सीट पर पिछले 25 सालों से बीजेपी का ही कब्जा है और 15 सालों से विधानसभा स्पीकर गिरीश गौतम यहां से विधायक हैं.
कितने वोटर, कितनी आबादी
2018 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो यहां पर 23 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला था, लेकिन यहां पर मुख्य मुकाबला त्रिकोणीय रहा. बीजेपी के गिरीश गौतम को 45,043 वोट मिले जबकि बहुजन समाज पार्टी की सीमा जयवीर सिंह सेंगर के खाते में 43,963 वोट आए. कांग्रेस यहां पर तीसरे नंबर पर रही और उसे 30,383 वोट मिले. सीट पर हुए कांटेदार मुकाबले में बीजेपी को महज 1,080 मतों के अंतर से जीत मिली.
तब के चुनाव में देवतालाब सीट पर कुल वोटर्स की संख्या 2,12,982 थी जिसमें पुरुष वोटर्स की संख्या 1,12,897 थी तो महिला वोटर्स 1,00,085 थीं. इसमें से कुल 1,34,945 (63.7%) वोट पड़े. NOTA के पक्ष में 623 (0.3%) वोट आए.
कैसा रहा राजनीतिक इतिहास
अगर 1990 के बाद के चुनाव पर नजर डालें तो साल 1990 में इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी के जय करण साकेत ने जीत हासिल की थी. 1993 में एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी के जय करण ने इस सीट पर जीत हासिल की थी. 1998 के चुनाव में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के पंचूलाल प्रजापति चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे. 2003 में एक बार फिर पंचूलाल प्रजापति को जीत मिली.
इसके बाद साल 2008, 2013 और 2018 के चुनाव में भी बीजेपी को जीत मिली थी. बीजेपी के गिरीश गौतम लगातार 3 बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं और वह वर्तमान में मध्य प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष हैं.
सामाजिक-आर्थिक ताना बाना
देवतालाब विधानसभा कभी बसपा का गढ़ हुआ करता था जिसे बीजेपी के विधायक पंचूलाल ने ध्वस्त कर भगवा पार्टी का परचम लहरा दिया था. इस सीट के जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां पर 34 प्रतिशत सामान्य मतदाता हैं जिसमें करीब 22 प्रतिशत ब्राह्मण मतदाता हैं और 11 प्रतिशत राजपूत. इनके अलावा 34 फीसदी ओबीसी, 18 फीसदी एससी और 10 फीसदी एसटी वोटर्स हैं.
देवों के देव महादेव की नगरी कहे जाने वाले देवतालाब को भोलेनाथ की नगरी के नाम से भी जाना जाता हैं. सेंगर राजपूत राजा छत्रधारी सिंह ने इस शहर की स्थापना की थी. यहीं पर एक पुराना शिव मंदिर है जो एक ही पत्थर पर बना माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण रातो-रात हो गया था और स्वयं भगवान विश्वकर्मा ने इसका निर्माण किया था. देवतालाब मंदिर को लेकर बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण एक ही रात में हुआ. यहीं पर मां अष्टभुजी धाम मंदिर है. साथ ही इस क्षेत्र में बहुती जल प्रपात है जिसे मध्य प्रदेश का सबसे ऊंचा जलप्रपात कहते हैं.
मध्यप्रदेश में भाजपा ने चौथी सूची जारी कर दी है। यहां 9 अक्टूबर को घोषित 57 सीटों की सूची में रीवा व मऊगंज जिले से 4 उम्मीदवारों का नाम शामिल किया गया है। बताया गया कि रीवा जिले की शहरी सीट से पीएचई एवं जनसंपर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल, देवतालाब क्षेत्र से विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम, मऊगंज विधानसभा से प्रदीप पटेल और सिरमौर विधानसभा से दिव्यराज सिंह को रिपीट किया है।
जबकि सेमरिया विधानसभा, गुढ़ विधानसभा, त्योंथर विधानसभा व मनगवां विधानसभा सीट को होल्ड कर दिया गया है। भाजपा सूत्रों में चर्चा है कि जिन चार जगहों की सीट होल्ड हुई है। वहां स्थानीय विधायक का विरोध, खुद न लड़ कर परिवार के सदस्य को टिकट दिलाना आदि नाम शामिल है।