*पंचम दिवस संगीतमय श्रीराम कथा में
में सीता-राम विवाह कथा सुन भाव-विभोर हुए रामभक्त:
श्रद्धालुों के लिए जयमाला रहा आकर्षण का केंद्र, सियाराम के जयकारों से गूंज उठा पंडाल
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मुंबई/संवादाता:पुण्य प्रसून सिंह
मुम्बई,भांडुप के 90 फिट रोड,कैलाश पार्क में पंचम दिवस संगीतमय श्री रामकथा यज्ञ के पंचम दिन ब्रहस्पतिवार की कथा का श्रवण करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। कथा वाचन के साथ आकर्षक झांकी भी निकाली गई। संगीतमय श्री राम कथा के साथ कथा वाचक श्रेद्धय पद्मधेश महाराज जी ने श्रीराम-सीता के विवाह की कथा सुनाते हुए कहा कि राजा जनक के दरबार में भगवान शिव का धनुष रखा हुआ था। एक दिन सीता ने घर की सफाई करते हुए उसे उठाकर दूसरी जगह रख दिया। उसे देख राजा जनक को आश्चर्य हुआ, क्योंकि धनुष किसी से उठता नहीं था। राजा ने प्रतिज्ञा की कि जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का विवाह होगा। उन्होंने स्वयंवर की तिथि निर्धारित कर सभी राजा- महाराजा को विवाह के लिए निमंत्रण भेजा। वहां आए सभी लोगों ने एक-एक कर धनुष को उठाने की कोशिश की, लेकिन किसी को भी इसमें सफलता नहीं मिली। गुरु की आज्ञा से श्री राम धनुष उठा प्रत्यंचा चढ़ाने लगे तो वह टूट गया। इसके बाद धूमधाम से सीता व राम का विवाह हुआ। माता सीता ने जैसे प्रभुराम को वर माला डाली वैसे ही देवतागण उन पर फूलों की वर्षा करने लगे। इस क्रम में पद्मधेश जी महाराज ने क्षे्त्रीय संगीत की धुन पर भजन सुनाकर श्रद्धालुओं को झूमने को विवश कर दिया।
श्री राम जानकी विवाह पर श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे को बधाई दी एवं पंडाल श्री राम जानकी के जयकारों से गूंज उठा। श्री राम जानकी के विवाह में निकाली झांकी के समक्ष श्रद्धालु ने माथा टेककर आशीर्वाद प्राप्त किया एवं परिवार की सुख शांति के लिए मन्नतें भी मांगी।कथा वाचक पद्मधेश महाराज जी प्रवचन करते हुए कहा कि भगवान को निर्मल मन वाला पसंद है। जहां- जहां पर भगवान की कथा होती हैं वहां पर सभी विराजमान देवतागण एवं भक्त शिरोमणि हनुमान भी कथा सुनने आते हैं। राम नाम लेने से आनंद की प्राप्ति होती है। संतों की कृपा से ही भगवान के दर्शन होते है। संतों की वाणी से ही हम श्रीराम कथा, श्री कृष्ण कथा का वर्णन सुन सकते हैं। वहीं हमारा कल्याण करा सकते हैं। भगवान कहते हैं ना मैं बैकुंठ में रहता हूं, ना ही संतों के हृदय में, मैं तो जहां कथा हो रही हो ,वहां भक्तों के दिल में रहता हूं। राम से मिलना कथा में हो सकता है। जिस पर प्रभु की कृपा होती है, वही श्रीराम कथा सुनता है। कथा पंडाल में महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री व भाजपा के अध्यक्ष मा. श्री आशीष शेलार जी,जिल्हा अध्यक्ष श्री दीपक दलवी, भांडुप अध्यक्ष प्रवीण दहितुले, वार्ड अध्यक्ष श्री गणेश अमीन जी का भी आगमन हुआ पद्मधेश महाराज जी द्वारा आर्शीवाद प्राप्त किया आज की कथा समाप्ति पर श्रद्धालुओं में अटूट प्रसाद वितरित किया गया। संस्था के अध्यक्ष श्री.रविंद्र के सिंह, महामंत्री स्वामीनाथ मिश्रा कोषाध्यक्ष श्री संजय शुक्ला , संयोजक श्री के .आर सिंह ,डॉ. रमेश सिंह ने लोगों का अभिवादन स्वीकार किया