अगर आप कार ड्राइव करते हैं तो फास्टैग (Fastag) से जरूर वाकिफ होंगे. पर सिर्फ वाकिफ होना काफी नहीं है. आपको इससे जुड़े नियमों से लगातार अपडेट रहना जरूरी है. क्योंकि सरकार फास्टैग से जुड़े नियम अक्सर बदलती रहती है. वहीं भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया (NPCI) लोगों की सहूलियत के लिए टोल प्लाजा में पेमेंट ऑप्शन को और स्मूद और हैसल फ्री बनाने के लिए लगातार काम करती रहती हैं.
अब ऐसे में अब महाराष्ट्र कैबिनेट ने ऐलान कर दिया है कि 1 अप्रैल, 2025 से राज्य के सभी गाड़ियों पर FASTag का होना अनिवार्य होगा. इससे पहले महाराष्ट्र में फास्टैग अनिवार्य नहीं था. हालांकि देश के ज्यादातर राज्यों में फास्टैग कम्पलसरी कर दिया गया है लेकिन कुछ राज्यों में इसमें छूट दी गई थी. महाराष्ट्र उन्हीं राज्यों में शामिल था. लेकिन, अब 1 अप्रैल से महाराष्ट्र में भी सभी गाड़ियों पर फास्टैग अनिवार्य होगा.
न लगाने पर कितना जुर्माना?
1 अप्रैल स अगर आपकी गाड़ी पर फास्टैग नहीं लगा है तो आपको जुर्माने के तौर पर दोगुना टोल भरना होगा. इससे बचने के लिए समय रहते अपनी गाड़ी पर फास्टैग जरूर लगवा लें.
क्या होता है Fastag?
फास्टैग एक इलेक्ट्रॉनिक छोटा RFID टैग है जिसे कार चालक अपने का की विंडशील्ड पर लगाते हैं. ये RFID टैग रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक की मदद से गाड़ी की डिटेल रीड कर सकता है जिससे टोल प्लाजा पर बिना रुके टोल का भुगतान बड़े सुगम तरीके से किया जा सकता है. इससे टाइम और फ्यूव दोनों की बचत होती है, साथ ही टोल कलेक्शन प्रोसेस भी आसान और ट्रांसपेरेंट हो जाता है.